नयी दिल्ली: कोरोना महामारी के बाद नये कौशल की बढ़ती मांग के साथ पेशेवरों के करियर में तेजी लाने और कई मामलों में करियर को नयी दिशा देने के लिये एग्जेक्यूटिव एमबीए (ईएमबीए) की डिग्री की मांग में भी तेजी आयी है।
भारत में फुल टाइम एमबीए कोर्स की कोई कमी नहीं है लेकिन अनुभवी पेशेवरों की जरूरतों को पूरा करने वाले कोर्स की कमी है।
खासकर उन पेशेवरों के लिये जिन्होंने आईटी उद्योग में अपनी करियर की शुरूआत की और जहां एमबीए की डिग्री की कोई आवश्यकता नहीं थी।
इस कोर्स को करने वाले अधिकांश लोग वैसे हैं, जिन्होंने अपने करियर मेंं सफलता हासिल की है और प्रबंधकीय और रणनीतिक भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करके अपने करियर को गति देना चाहते हैं या उद्यमी बनना चाहते हैं।
बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये शैक्षणिक संस्थान भी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये विशेष पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं।
इस क्षेत्र में सबसे हाल में प्रवेश किया है-हैदराबाद स्थित महिंद्रा विश्वविद्यालय ने। विश्वविद्यालय ने ईएमबीए कोर्स शुरू किया है, जिसे जर्मनी की प्रतिष्ठित फ्रैंकफर्ट स्कूल ऑफ फाइनेंस एंड मैनेजमेंट, के साथ साझेदारी में अनुभवी पेशेवरों और कारोबारियों के लिये डिजाइन किया गया है।
विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की पहली स्नातकोत्तर पेशकश, 5 से 15 वर्षों के कार्य अनुभव वाले लोगों पर लक्षित है।
यह छात्रों को दो साल के कोर्स को काम के साथ काम जारी रखने की भी अनुमति देता है। आवेदकों के लिये फ्रैंकफर्ट स्कूल ऑफ फाइनेंस एंड मैनेजमेंट ,जर्मनी में अनिवार्य रूप से दो सप्ताह के लिये ठहरना होगा।
जर्मनी में रहने के दौरान छात्रों को फ्रैंकफर्ट स्कूल की फैकल्टी पढ़ायेगी तथा उन्हें उद्योग के दौरे पर ले जाया जायेगा।
इसके अलावा अतिथि वक्ता भी उन्हें संबोधित करेंगे और वे साथ ही जर्मनी की संस्कृति का अनुभव भी ले सकेंगे।
महिंद्रा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ याजुलु मेदुरी ने कहा कि सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान के बेहतरीन मिश्रण के साथ ईएमबीए प्रोग्राम पेशेवर विशेषज्ञों को मजबूत प्रबंधकीय नींव रखने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे वे वरिष्ठ प्रबंधकीय भूमिकाओं और सी-सूट पदों यानी शीर्ष पदों के उपयुक्त बन पायें।
डॉ रामकृष्ण वेलामुरी, प्रोफेसर और डीन, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, महिंद्रा यूनिवर्सिटी की राय है कि ईएमबीए कोर्स अनुभवी पेशेवरों को अपनी नौकरी या व्यवसाय छोड़ने के बिना प्रबंधन शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम करेगा जिससे अवसर लागत के रूप में बड़ी बचत होगी।
इस कोर्स की फीस 24 लाख रुपये है। इसके लिये आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून है जबकि तीन सितंबर से कक्षायें शुरू हो जायेंगी।
विश्वविद्यालय सशस्त्र बलों, पुलिस, अर्ध-सैन्य बलों, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्र के निवासियों तथा महिलाओं को शुल्क के 25 प्रतिशत मूल्य की कई छात्रवृत्ति भी प्रदान कर रहा है।