रांची: राज्यपाल (Governor) रमेश बैस (Ramesh Bais) ने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voter Day) लोकतंत्र (Democracy) में मतदाताओं (Voters) के महत्व को दर्शाता है।
मतदाताओं की भागीदारी के बिना लोकतंत्र की कल्पना अधूरी है। विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत में मतदाताओं को जागरुक करने और चुनावी प्रक्रिया (Electoral Process) में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने में इस दिन का विशेष महत्व है।
बैस बुधवार को आर्यभट्ट सभागार में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
लोकतंत्र की मजबूती मतदाताओं की सतर्कता एवं जागरूकता पर ही निर्भर है
उन्होंने कहा कि भारत का निर्वाचन आयोग अपने स्थापना काल से ही विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को निरंतर सशक्त बनाने के लिए वचनबद्ध है।
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से इस वर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस का थीम रखा गया है- ‘वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम’।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती मतदाताओं की सतर्कता एवं जागरूकता पर ही निर्भर है।
लोकतंत्र में सिर्फ वोटर बनना ही उपलब्धि नहीं है, मतदाताओं पर बहुत बड़ा दायित्व होता है और मतदाता पहचान पत्र आपको अपने दायित्व का निरंतर बोध कराता है। उन्होंने राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ की सभी को बधाई और शुभकामनायें दी।
बूंद-बूंद से ही घड़ा भरता है..
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मतदान करना बहुत ही पवित्र कार्य है। इससे देश और प्रदेश को दिशा मिलती है।
लोग सोचते हैं कि एक वोट नहीं डालने से क्या होगा? यदि प्रत्येक मतदाता यह सोचकर मतदान करने नहीं जाए, तो क्या मतदान हो पायेगा? लेकिन बूंद-बूंद से ही घड़ा भरता है।
कुछ लोग समयाभाव के कारण वोट डालने नहीं जाते है, तो कुछ लंबी लाइन देख कर लौट जाते हैं, लेकिन लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें इस उदासीनता से उबरना होगा और यदि मददाता सूची में नाम नहीं है तो नाम दर्ज कराने का प्रण भी लेना होगा।