नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद National Capital (राष्ट्रीय राजधानी) के लोगों ने दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी की।
दिल्ली के Environment Minister (पर्यावरण मंत्री) गोपाल राय ने पिछले सप्ताह कहा था कि दिवाली पर राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे फोड़ने पर छह महीने की जेल हो सकती है और 200 रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है।
गूंज पटाखों साफतौर पर सुनी जा सकती थी
कानूनी रोक होने के बावजूद दक्षिणी और उत्तर पश्चिमी दिल्ली समेत विभिन्न हिस्सों में लोगों ने सोमवार को शाम से ही पटाखे फोड़ने शुरू कर दिए। इस दौरान तेज आवाज वाले पटाखों की गूंज साफतौर पर सुनी जा सकती थी।
जैसे-जैसे रात आगे बढ़ी पटाखों की आवाज भी तेज होती गई, जिसके चलते कुछ लोगों ने पूछा कि “कोई प्रतिबंध लगा भी है या नहीं।”
मिल गया प्रदूषण को बढ़ने का मौका
दिवाली पर पटाखे फोड़ना सदियों पुरानी परंपरा है। हालांकि, दिल्ली के अधिकारियों ने कहा था कि ( Environment) पर्यावरण संबंधी चिंताओं और इससे जुड़े स्वास्थ्य खतरों पर विचार करने के बाद प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया।
पराली जलाने, पटाखे फोड़ने और मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच दिल्ली की (Air Quality) वायु गुणवत्ता सोमवार को ‘बहुत खराब’ हो गई, जिससे (Pollution) प्रदूषण को बढ़ने का मौका मिल गया।
बिना किसी रोक-टोक के पटाखे फोड़े
हालांकि, 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 312 रहा, जो बीते सात साल में दिवाली के दिन दर्ज हुए AQI के मामले में दूसरे स्थान पर रहा। दिल्ली में 2018 में दिवाली पर सबसे कम AQI (281) दर्ज किया गया था।
प्रतिबंध के बावजूद शाम करीब छह बजे से लोगों ने विभिन्न इलाकों में बिना किसी रोक-टोक के पटाखे फोड़े
दक्षिण दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश और पड़ोसी स्थानों जैसे नेहरू प्लेस और मूलचंद में शाम को पटाखों की रोशनी से आसमान पटा हुआ था।
बुराड़ी में रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा, “वे शिक्षित लोग हैं फिर भी ऐसा कर रहे हैं। बच्चे इससे क्या सीखेंगे।”
पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, शाहदरा, यमुना विहार समेत कई इलाकों में यही स्थिति रही। कुछ निवासियों ने कहा कि इस बार पटाखों की आवाज़ पिछले साल से कम थी, लेकिन रात नौ बजे के बाद पटाखों की आवाज़ बढ़ गई।
दक्षिण पश्चिम दिल्ली की मुनिरका में कथित रूप से तेज़ आवाज़ वाले पटाखे फोड़े
बिपाशा घोष (19) कुछ दिन पहले कोलकाता से दक्षिणी दिल्ली के कैलाश हिल्स इलाके में आई थीं। उन्होंने कहा, “मेरे क्षेत्र में यह रात 11 बजे के बाद शुरू हो गया। मैं हैरान थी कि क्या वास्तव में दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध है। साथ ही, ऐसा करने वाले Environment (पर्यावरण) के प्रति गैर-जिम्मेदार और असंवेदनशील हैं। ये लोग उनके प्रति भी असंवेदनशील हैं जिन्हें सांस संबंधी समस्या और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं।”
कई लोगों ने पटाखों के धुएं के कारण आंखों में जलन होने की शिकायत की
दक्षिण दिल्ली में रहने वाली छात्रा ऋतु नंदन ने कहा, “मैं कल बाहर नहीं निकलूंगी। मुझे पता है कि कल हवा की गुणवत्ता क्या रहेगी।”
वहीं, दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी के क्रियान्वयन के लिए 408 दल गठित किए गये थे। दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्तों के नेतृत्व में 210 दल गठित किए थे। वहीं, राजस्व विभाग ने 165 दल और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 33 दल गठित किए।
पड़ोसी हरियाणा के दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में भी लोगों ने पटाखे फोड़े।