धनबाद: फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के विरुद्ध देशद्रोह व भारत को नीचा दिखाने के मामले में शुक्रवार को धनबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सुनवाई हुई।अदालत ने अगले आदेश के लिए 11 मई की तारीख मुकर्रर की है।
इस दौरान शिकायतकर्ता इजहार अहमद उर्फ बिहारी की ओर से अधिवक्ता वकार अहमद ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सिद्धांत तिग्गा की अदालत में दलील देते हुए कहा कि कंगना के बयान से भारत की बदनामी हुई है, जो देशद्रोह की श्रेणी में आता है।
असली आजादी साल 2014 में मिली
उल्लेखनीय है कि 17 नवंबर को पांडरपाला निवासी सामाजिक कार्यकर्ता इजहार अहमद उर्फ बिहारी ने धनबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दायर शिकायतवाद में कहा गया है कि 12 नवंबर, 2021 को उन्होंने अखबार और टीवी पर कंगना रनौत द्वारा दिए गए भारत विरोधी बयान को पढ़ा और देखा। इससे उन्हें काफी आघात लग।
इजहार ने आरोप लगाया है कि कंगना ने अपने बयान में कहा था कि “1947 में जो भारत देश को आजादी मिली थी वह आजादी भीख से मिली थी।
असली आजादी साल 2014 में मिली, जब मोदी जी की सरकार बनी”। इजहार ने आरोप लगाया है कि ऐसा विवादित बयान देकर कंगना ने न सिर्फ भारत को बदनाम किया है, बल्कि भारत का मजाक और नीचा दिखाया है। इस लिए अभिनेत्री कंगना रनौत पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।