नई दिल्ली: लेनदेन के लिए डिजिटल प्रणाली को सुरक्षित माना जाता है अब इस विधा का उपयोग करने वालों के लिए अच्छी खबर है। रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) की सुविधा अब 24 घंटे उपलब्ध होगी।
यह सुविधा आज रात 12.30 बजे से शुरू हो जाएगी। एनईएफटी की सुविधा पहले से ही चौबीसों घंटे उपलब्ध है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ट्वीट किया कि आरटीजीएस की सुविधा आज रात से चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगी। उन्हें इसे संभव बनाने के लिए आरबीआई, आईएफटीएएस और सर्विस पार्टनर्स को बधाई दी।
इसके साथ ही भारत दुनिया के चंद ऐसे देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां आरटीजीएस 24गुणित7 उपलब्ध है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास कुछ दिनों पहले हुई मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में इन बदलावों की घोषणा की थी।
अब आप कभी भी आरटीजीएस के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे।
कोरोना काल में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में काफी तेजी आई है जिसके बाद आरबीआई ने आरटीजीएस की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध कराने का फैसला किया।
आरबीआई ने घरेलू वित्तीय बाजार के ग्लोबल इंटीग्रेशन की कोशिशों को सहारा देने के लिए आरटीजीएस की टाइमिंग बढ़ाने का फैसला किया था।
आरटीजीएस डिजिटल फंड ट्रांसफर करने का एक तरीका है। इसकी मदद से रियल टाइम में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं।
आरटीजीएस का उपयोग मुख्य रूप से बड़ी रकम के ट्रांसफर के लिए होता है।
इसके तहत न्यूनतम 2 लाख रुपये भेजे जा सकते हैं जबकि अधिकतम राशि भेजने की सीमा 10 लाख रुपये है।
आरटीजीएस के जरिए 2 लाख से 5 लाख तक का फंड ट्रांसफर करने के लिए अधिकतम शुल्क 24.5 रुपये है।
5 लाख से अधिक के फंड ट्रांसफर के लिए बैंक 49.5 रुपये का तक फीस ले सकता है।
इस पर जीएसटी भी देनी पड़ती है। देश का सबसे बड़े बैंक एसबीआई आरटीजीएस पर कोई फीस नहीं लेता है।
आरटीजीएस की शुरुआत 26 मार्च 2004 को हुई थी। उस समय केवल 4 बैंक ही इस सेवा से जुड़े थे।
लेकिन अब देश के 237 बैंक इस सिस्टम के जरिए 4.17 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन को प्रतिदिन पूरा करते हैं।
नवंबर में आरटीजीएस से औसत 57.96 लाख रुपये का लेनदेन हुआ।
फिलहाल दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर महीने के सभी कार्यदिवस पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक आरटीजीएस की मदद से फंड ट्रांसफर किया जाता है।