मुंबई : दिव्यांका त्रिपाठी टीवी (Divyanka Tripathi ) की मोस्ट पॉपुलर एक्ट्रेस हैं। उन्होंने OTT पर भी काम किया है। दिव्यांका को शो बनूं मैं तेरी दुल्हन और ये है मोहब्बतें के लिए जाना जाता है। वो रियलिटी शो नच बलिए 8 और खतरों के खिलाड़ी 11 का भी हिस्सा रहीं।
अब वो वेब सीरीज द मैजिक ऑफ श्री में नजर आने वाली हैं। दिव्यांका त्रिपाठी सामान्य परिवार से बढ़ीं और अपनी मेहनत की दम पर स्टार बनीं। लेकिन स्ट्रगलिंग के दिनों में दिव्यांका त्रिपाठी ने खूब संघर्ष किया है। हाल ही में दिए इंटरव्यू में दिव्यांका त्रिपाठी ने बॉलीवुड के कई गंदे राज खोले हैं।
घर जाने की इजाजत नहीं मिला करती थी
साथ ही प्रोडक्शन हाउस की चालाकियों पर भी बात की है। इतना ही नहीं शुरुआती दिनों में एक्ट्रेस के साथ होने वाले शोषण पर भी दिव्यांका त्रिपाठी ने खुलकर बात की है। दिव्यांका ने बताया कि कैसे उन्हें स्ट्रगलिंग के दिनों में प्रोडक्शन हाउस जाल में फंसाने की कोशिश करते थे। साथ ही लोग शोषण करने की फिराक में रहते थे। दिव्यांका त्रिपाठी ने हाल ही में मीडिया इंटरव्यू में बॉलीवुड के काले राज से पर्दा उठाया है। दिव्यांका ने बताया कि शुरुआती दिनों में उन्हें प्रोडक्शन हाउस किस तरह परेशान किया करते थे। साथ ही बीमार होने के बाद भी सेट पर ही रहकर काम करना पड़ता था। घर जाने की इजाजत नहीं मिला करती थी।
लोगों ने मेरा काफी फायदा उठाया
दिव्यांका बताती हैं, ‘जब इंडस्ट्री में आप नए होते हैं तो 10 लोग आपका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में आपकी परवरिश के दिनों के संस्कार काफी काम आते हैं। आपको बस सही समय का इंतजार करना होता है। लोगों ने मेरा काफी फायदा उठाया है। लोग आपके समय की कीमत नहीं लगाते। अगर आप बीमार पड़ जाते हैं तो आपको घर नहीं जाने दिया जाता। ’
‘मैं एक जगह शूटिंग कर रही थी… मेरे साथ कमरे में…’
दिव्यांका ने एक किस्से का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे प्रोडक्शन हाउस ने सोफा नहीं बदला लेकिन इसकी खबर मीडिया में छपवा दी। दिव्यांका बताती हैं, ‘मैं एक जगह शूटिंग कर रही थी। मेरे साथ कमरे में दूसरी एक्ट्रेस भी थीं।
इस कमरे में एक सोफा रखा था। जिसमें बग आ गया था। इस सोफे पर बैठने के कारण हमें रेशेस निकलने लगे थे। मैंने 2-3 बार इसकी शिकायत की लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। बल्कि प्रोडक्शन हाउस के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत प्रेस में कर दी. बाद में इसके बारे में काफी आर्टिकल भी छपे। ’