रांची: जनता कितनी भी परेशान रहे सरकारों को कोई फर्क नहीं पड़ता। फिर चाहे शिक्षा व्यवस्था चौपट ही क्यों न हो। इसमें बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं में भी खामी क्यों न हो। किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
हालांकि झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के एक मंत्री ने इस तरह की अव्यवस्था पर अपनी चिंता जरूर जताई और उन्होंने खामियों को स्वीकार किया है।
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो (Education Minister Jagarnath Mahto) ने स्वीकार किया है कि किसी भी अभिभावक के लिए मात्र 660 रुपए में दो जोड़ा स्कूल ड्रेस और जूता-मोजा खरीदना संभव नहीं है।
शिक्षा विभाग सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को एक ही जगह से एक ही रंग के स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराएगी
बच्चों को मिलने वाली राशि बढ़ाने का आश्वासन विभागीय समीक्षा के बाद मंत्री ने कहा कि सरकार यह राशि बढ़ाएगी और खुद खरीद कर इसे स्कूली बच्चों को देगी। उन्होंने कहा कि अभी DBT के माध्यम से यह छात्रों को यह पैसे भेजे जा रहे हैं।
महंगाई के समय में अभिभावक स्कूल ड्रेस और जूता-मोजा एक साथ नहीं खरीद पा रहे हैं। अलग-अलग खरीद करने के कारण School Dress के रंग में भी अंतर आ जाता है।
ऐसे में अब शिक्षा विभाग सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को एक ही जगह से एक ही रंग के स्कूल ड्रेस (School Dress) उपलब्ध कराएगी। मंत्री ने कहा कि राज्य के 80 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (School of Excellence) के भवन तैयार हो गए है।
दिसंबर से मार्च 2023 तक इन सभी स्कूलों का उद्घाटन से जाएगा।
अगले सत्र से शुरू हो जाएगी पढ़ाई
उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में अगले नए सत्र से यहां पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। 360 प्रखंडों के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (School of Excellence) के लिए Tender हो चुका है।
बैठक में MLA दीपक बिरूआ, सुदिव्य कुमार सोनू, निएल पूर्ति, सचिव राजेश शर्मा, JEEPC की SPD किरण पासी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार आदि थे।
राज्य के सभी 24 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) और चार प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज अब झारखंड शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद (JCERT) के नियंत्रण में होंगे।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सोमबार को इसकी अधिसूचना जारी की शिक्षा सचिव राजेश शर्मा के अनुसार, सभी डायट और टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों को जेसीईआरटी के नियंत्रणाधीन करने का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन था, जिसे स्वीकृत कर लिया गया है।
राज्य के 12 सौ विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा मंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में 1200 स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक ज्यादा है। उन्हें दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा।
ऐसे शिक्षक जो दिव्यांग, पति पत्नी, महिला और असाध्य रोग के आधार पर गृह जिला (Home District) में तबादला कराना चाहते हैं, उसकी कार्रवाई 31 अगस्त तक करने का निर्देश दे दिया गया है।
कहा कि समता शिक्षा अभियान में करीब पांच माह बाद भी केंद्र सरकार से मात्र 205 करोड़ रुपए ही मिले हैं, जबकि 900 करोड़ रुपए का प्रावधान है। बहरहाल, मंत्रियों की जुबान से कुछ भी निकल सकता है। हालांकि जब कोई चीज धरातल पर नहीं उतर आती, तब तक किसी भी चीज का होना असंभव ही लगता है।