नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने शुक्रवार को MonkeyPox के मामलों को देखने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है।
मंत्रालय ने आम लोगों के लिए बीमारी को लेकर किसी विरोधाभास को नजरंदाज करने और इससे बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचने को कहा है।
यह भी सलाह दी है कि अगर किसी MonkeyPox संक्रमित व्यक्ति या संक्रमित जानवरों के एरिया में गए हों तो नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र जाएं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च
(ICMR) ने शुक्रवार को देशभर में 15 वायरस रिसर्च और उपचार प्रयोगशालाओं के बारे में जानकारी दी।
वहीं इससे पहले देश में MonkeyPox का पहला मामला केरल में सामने आने के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति से निपटने में अधिकारियों का सहयोग करने के लिए एक दिन पहले यानि बृहस्पतिवार को राज्य में एक उच्चस्तरीय बहु-विषयक टीम भेजी है।
इससे पहले, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि विदेश से राज्य में लौटे एक 35 वर्षीय व्यक्ति में MonkeyPox के लक्षण दिखने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में व्यक्ति में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई।
केरल भेजी गई केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नयी दिल्ली के विशेषज्ञों और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यालय, केरल के विशेषज्ञ हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक पत्र में कहा गया है, ‘केरल के कोल्लम जिले में मंकीपॉक्स के एक मामले की पुष्टि के मद्देनजर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीमारी की जांच में केरल सरकार का सहयोग करने और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के लिए एक बहु-विषयक केंद्रीय टीम को भेजने का निर्णय लिया है।’
टीम स्वास्थ्य क्षेत्र में उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों और जमीनी स्थिति का लेगी जायजा
अधिकारियों ने कहा कि टीम राज्य के स्वास्थ्य विभागों (Health Departments) के साथ मिलकर काम करेगी और जमीनी स्थिति का जायजा लेगी तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों की सिफारिश करेगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘केंद्र सरकार स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी करके और राज्यों के साथ समन्वय करके सक्रिय कदम उठा रही है।’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार मंकीपॉक्स वायरल जूनोसिस है (जानवरों से इंसानों में प्रसारित होने वाला वायरस), जिसमें चेचक के समान लक्षण होते हैं। हालांकि चिकित्सकीय दृष्टि से यह कम गंभीर है।