रांची: मानव तस्करी (Human Trafficking) की शिकार पाकुड़ की चार बच्चियां एवं साहेबगंज की एक महिला को Delhi में मुक्त कराया गया।
एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र नई दिल्ली की नोडल ऑफिसर नचिकेता (Nodal Officer Nachiketa) ने बताया कि मुक्त कराई गई बच्चियों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से इतना प्रताड़ित किया गया है कि ये मानसिक रूप (Mentally) से अस्वस्थ हो गई हैं। वर्तमान में अभी तीनों का इलाज चल रहा है।
बच्चे को दिल्ली में मुक्त कराया
पाकुड़ एवं साहेबगंज जिला प्रशासन के सहयोग से फ्री कराई गई बच्चियों एवं महिला को शनिवार को वापस उनके गृह जिले में पुनर्वासित किया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी जिले को सख्त निर्देश दिया गया है कि जिस भी जिले के बच्चे को दिल्ली में मुक्त कराया जाता है, उन्हें जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी (District Social Welfare Officer-Child Protection Officer) द्वारा वापस अपने जिले में पुनर्वास किया जाएगा।
इसके तहत पाकुड़ के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अंजू कुमारी एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ब्यास ठाकुर की टीम द्वारा पहल करते हुए मुक्त हुए लोगों को दिल्ली जाकर अपने संरक्षण में Train से वापस पाकुड़ लाया जा रहा है।
इन बच्चियों को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ये सभी मानव तस्करी (Human Trafficking) का शिकार न बनने पाएं।
मुक्त लोगों की होगी सतत निगरानी
समाज कल्याण महिला बाल विकास विभाग (Social Welfare Women & Child Development Department) के निर्देशानुसार Jharkhand लाये जा रहे बच्चों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओं जैसे स्पॉन्सरशिप, फॉस्टरकेयर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से जोड़ते हुए उनकी ग्राम बाल संरक्षण समिति के माध्यम से सतत निगरानी की जाएगी, ताकि इन बच्चियों को पुन: मानव तस्करी के शिकार होने से बचाया जा सके एवं झारखण्ड राज्य में मानव तस्करी रोकी जा सके।
एस्कॉर्ट टीम (Escort Team) में एकीकृत पुनर्वास-सह- संसाधन केंद्र की परामर्शी निमला खलखो एवं कार्यालय सहायक राहुल सिंह ने अहम भूमिका निभाई है।
उल्लेखनीय है कि Delhi Police, बाल कल्याण समिति, नई दिल्ली एवं सीमावर्ती राज्यों की बाल कल्याण समिति से लगातार समन्वय स्थापित कर मानव तस्करी के शिकार लोगों की पहचान कर मुक्त कराया जा रहा है। Free करायी गईं बच्चियों को दलाल के माध्यम से दिल्ली लाया गया था।