नई दिल्ली: पिछले साल भारतीय बाजार छोड़ने की घोषणा कर चुकी अमेरिकन ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ड अपने फैसले पर फिर से विचार कर रही है।
यह कंपनी अब भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल की योजना बना रही है। कंपनी इन इलेक्ट्रिक कारों का निर्यात भी करेगी।
फोर्ड उन 20 ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है, जिनका चयन 25,938 करोड़ रुपए की पीएलआई स्कीम के तहत हुआ है।
यह इलेक्ट्रिक्स उत्पादों के निर्माण और उनकी बिक्री के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंटेंसिव स्कीम है। कंपनी ने बताया कि पीएलआई स्कीम के तहत किए उसके आवेदन को सरकार ने मंजूर कर लिया है।
फोर्ड इलेक्ट्रिक कारें बनाने के लिए गुजरात के साणंद प्लाट का इस्तेमाल कर सकती है। गौरतलब है कि भारत में फोर्ड के दो कार प्लांट हैं।
फोर्ड ने पीएलआई स्कीम में आवेदन मंजूर हो जाने पर सरकार को शुक्रिया कहा है। कंपनी ने कहा कि पीएलआई स्कीम में फोर्ड के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए हम भारत सरकार का धन्यवाद करते हैं।
जैसा कि फोर्ड वैश्विक इलेक्ट्रिक-वाहन क्रांति के माध्यम से ग्राहकों का नेतृत्व करती है। हम इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक एक्सपोर्ट बेस के रूप में भारत में एक प्लांट का उपयोग करने की संभावनों को देख रहे हैं।
फोर्ड का कहना है कि वह आने वाले समय में भारत में इलेक्ट्रिक कारें बेच सकती है। क्या कंपनी भारत में भी इलेक्ट्रिक कारें बेचेगी इस सवाल के जवाब में फोर्ड इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि ‘कंपनी में अभी इस पर विस्तार से विचार-विमर्श नहीं हुआ है, लेकिन भविष्य में इसके बारे में विचार किया जा सकता है।
जिन ऑटोमोबाइल कंपनियों को पीएलआई योजना का फायदा मिलेगा, उनमें अशोक लीलैंड, आयशर मोटर्स, फोर्ड इंडिया, हुंडई मोटर इंडिया, किआ इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पीसीए ऑटोमोबाइल्स इंडिया, पिनेकल मोबिलिटी सॉल्यूशंस, सुजुकी मोटर गुजरात और टाटा मोटर्स शामिल हैं।
इसके अलावा इस स्कीम के लिए चुनी गई दोपहिया एवं तिपहिया वाहन कंपनियों में बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प, पियाजियो व्हीकल्स और टीवीएस मोटर शामिल हैं।