मुंबई: पूर्व गृह मंत्री (Former Home Minister) अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) हाईकोर्ट (High Court) से जमानत मिलने के बाद बुधवार को 14 महीने बाद आर्थर रोड जेल से रिहा हो गए।
जेल से बाहर आने पर विधानसभा (Assembly) के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार, सांसद सुप्रिया सुले, सांसद प्रफुल्ल पटेल, महाराष्ट्र राकांपा अध्यक्ष (Maharashtra NCP President) जयंत पाटिल, पूर्व मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, छगन भुजबल सहित NCP कार्यकर्ताओं ने देशमुख का जोरदार स्वागत किया।
भारतीय संविधान और न्याय व्यवस्था पर भरोसा
Anil Deshmukh ने जेल से निकलने के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि उन्हें झूठे आरोप के आधार पर जेल में रखा गया। उन्हें भारतीय संविधान (Indian Constitution) और न्याय व्यवस्था (Judicial System) पर भरोसा है, इसी वजह से बाहर आ सके हैं।
अनिल देशमुख के खिलाफ ED ने 109 बार छापेमारी की- यह एक विश्व रिकॉर्ड है
सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि अनिल देशमुख के परिवार ने जो कुछ सहा है, उसे मैंने बहुत करीब से देखा है। अनिल देशमुख के खिलाफ ED ने 109 बार छापेमारी (Raid) की, लेकिन कुछ नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक विश्व रिकॉर्ड (World Record) है।
दरअसल, मुंबई के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये रंगदारी वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था।
इसी के बाद सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (CBI) ने अनिल देशमुख के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। साथ ही CBI ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को इस मामले की मनी लॉड्रिंग (Money Laundering) एंगल से जांच करने का निर्देश दिया था।
ED के मामले में अनिल देशमुख को पहले ही जमानत मिल गई थी। सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में अनिल देशमुख को 12 दिसंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी।
CBI की मांग पर कोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत पर रोक लगा दी थी। CBI ने 27 दिसंबर को भी हाईकोर्ट (HC) में अनिल देशमुख की जमानत पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने CBI की मांग को नामंजूर कर दिया।
इसके बाद आज कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अनिल देशमुख को आर्थर रोड जेल से रिहा किया गया। जेल से बाहर आने के बाद भी अनिल देशमुख को कुछ शर्तों का पालन करना होगा।
वे बिना कोर्ट की अनुमति के मुंबई से बाहर नहीं जा सकते। उन्हें मुंबई में निवास के अलावा किसी अन्य स्थान पर जाने की अनुमति नहीं है।