नई दिल्ली: देश भर में आज गणतंत्र दिवस (Republic day) के अवसर पर शान से तिरंगा झंडा फहराया गया।
वहीं, इससे 25 जनवरी 2023 को 74वें गणतंत्र दिवस (Republic Day) की पूर्व संध्या पर जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के किश्तवाड़ जिले (Kishtwar district) के सेगडी भाटा गांव में एक पूर्व आतंकवादी (Terrorist) ने अपने घर पर तिरंगा फहराया।
शेर खान ने 2016 में किया था आत्मसमर्पण
शेर खान (Sher khan) नाम का यह आतंकी हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी का Terrorist था और 1998 और 2006 के बीच एक खूंखार नाम था। उसने 2016 में आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया था और 2019 में रिहा होने से पहले 13 साल जेल में बिताए थे।
शेर खान का कहना है कि मुझे पाकिस्तानी आतंकवादियों (Pakistani Terrorists) ने अगवा कर लिया था और जब मैं 20 साल का था, तब उन्हें अपने रैंक में शामिल कर लिया था।
शेर खान ने बताया, “जल्द ही उसका आतंकवाद से मोह भंग हो गया और पहला मौका मिलने पर मैंने छह अन्य लोगों के साथ 2006 में अवंतीपोरा (कश्मीर) में सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।”
पहली बार पत्नी और बच्चों संग फहराया तिरंगा
अपनी दूसरी पत्नी शाहीना और दो बेटियों सुमैया (19) और खलीफा बानो (17) के साथ रहने वाले शेर खान ने पहली बार अपने घर पर तिरंगा फहराया है।
उसने बताया कि 3 साल पहले जेल से छूटने के बाद मैं Republic Day Celebration में शामिल होने के लिए मुगल मैदान जाया करता था।
वह एक उग्रवादी (Militant) के रूप में अपने दिनों पर पछतावा करते हुए कहता है कि इसने न केवल उनका जीवन बर्बाद किया बल्कि उनके परिवार को भी।
शेर खान के बच्चों ने छोड़ दी पढ़ाई
यह बताते हुए कि उसने शाहीना से तब शादी की थी जब वह उग्रवादी था, Sher khan ने कहा कि उसके बेटे ने 8वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया था तो उसकी बेटी सुमैया ने कक्षा 6 के बाद पढ़ाई छोड़ दी।
हालांकि, उसकी सबसे छोटी बेटी खलीफा बानो 10वीं कक्षा में पढ़ रही है। शेर खान ने कहा, “मुझे गलत रास्ते पर चलने के लिए गुमराह (Astray) किया गया था और जैसे ही मुझे इसका एहसास हुआ मैंने दूसरों को मनाया और सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और मुख्यधारा में शामिल हो गया।”