गढ़वा: अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो…। अगर बोल सकती तो वह दुधमुंही विधाता से यही फरियाद करती जिसे पैदा होते ही शनिवार को झाड़ियों में फेंक दिया गया।
यह घटना गढ़वा के सदर अस्पताल में हुई। चार बेटियों को जन्म देने के बाद जब पांचवीं संतान भी बेटी हुई तो मां का कलेजा पत्थर हो गया। बेटी से छुटकारा पाने के लिए उसने उसे लावारिस फेंक दिया।
…जब परिवार के लोग जब बच्चे के बारे में पूछने लगे
अस्पतालकर्मियों ने बताया कि बच्ची के जन्म लेने के बाद से ही महिला काफी मायूस हो गई थी। वह जिला मुख्यालय में कहीं किराए के मकान में रहती है।
उसने अस्पताल में अपना पता टंडवा लिखवाया है। प्रसव के लिए वह अपने साथ पति को लेकर आई थी।
परिवार के अन्य लोगों को जानकारी हुई तो वे भी उनके पीछे अस्पताल पहुंचे। हालांकि तब तक प्रसव हो गया था।
परिवार के लोग जब बच्चे के बारे में पूछने लगे तब उन्हें घटना की जानकारी हुई। बच्ची को झाड़ी में रखने की घटना का पता चलने पर अस्पताल में मौजूद लोग निर्दयी मां को कोसने लगे।
समय रहते पता चल जाने से बच्ची की जान बच गई। वरना, कोई भी अनहोनी हो सकती थी।
महिला को प्रसव के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था
इस निर्मम महिला को प्रसव के लिए शनिवार को ही सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को वार्ड में पहुंचा दिया गया। इसके एक घंटे बाद उसने अपनी नवजात को उठाकर झाड़ी में फेंक दिया।
हालांकि इसकी जानकारी जब महिला के परिजनों को हुई तो वे उसे डांटने-फटकारने लगे। इसके बाद परिवार के लोग नवजात बच्ची को झाड़ी से उठाकर चुपचाप घर रवाना हो गए।