बिहार

बिहार में AES से बच्ची की मौत, अब तक 41 मरीज हुए ठीक

मुजफ्फरपुर जिले में एईएस से इस साल यह पहली मौत बताई जा रही है

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) और इसके आसपास के इलाकों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बच्चे बीमार हो रहे हैं।

इस बीच एईएस से मुजफ्फरपुर जिले के कांटी प्रखंड की तीन वर्षीय एक बच्ची शिवानी कुमारी (Shivani Kumari) की मौत बुधवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल अस्पताल (एसकेएमसीएच) में हो गई।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस साल बिहार में एईएस से यह तीसरी मौत है। मुजफ्फरपुर जिले में एईएस से इस साल यह पहली मौत बताई जा रही है।

मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. उमेश चंद्र शर्मा (Dr. Umesh Chandra Sharma) ने गुरुवार को बताया कि शिवानी को 31 मई को भर्ती किया गया था।

बुधवार को इलाज के दौरान हालत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। बच्ची में एईएस का कारण हाइपोग्लाइसीमिया बताया गया है।

मुजफ्फरपुर में इस साल एईएस पीड़ित बच्चे की यह पहली मौत है। इससे पहले एसकेएसमीएच में दो और बच्चों की जान इस बीमारी से जा चुकी है। इनमें से एक सीतामढ़ी और दूसरा वैशाली जिले के रहने वाला था।

लोगों से एहतियात बरतने की अपील की

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक एईएस के 45 मामले आए हैं, जिनमे से 41 मरीजों के ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई।

मुजफ्फरपुर जिले में एईएस (AES) के 29 मरीज मिले हैं। सबसे ज्यादा पीड़ित कुढ़नी और कांटी से मिले हैं। इन दोनों प्रखंडों में चार-चार मामले सामने आए हैं।

इधर, एईएस से बच्ची की मौत के बाद सिविल सर्जन डॉ. उमेश चंद्र शर्मा बच्ची के घर पहुंचे और उसके परिजन से मुलाकात की। उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की।

उल्लेखनीय है कि गर्मी शुरू होने के साथ ही मुजफ्फरपुर तथा इसके आसपास के इलाकों में एईएस का प्रकोप देखा जाता है। यह बीमारी अधिकांश बच्चो में होती है। इस साल अब तक हालांकि मरीजों की संख्या कम देखी गई।

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