पटना: बिहार की राजधानी पटना के विश्वेश्वरैया भवन(Visvesvaraya Bhawan) में लगी आग (Fire) पर 10 घंटे तक धधकने के बाद भले ही काबू पा लिया गया हो, लेकिन इन आग की लपटों ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
वैसे, यह कोई पहला मामला नहीं है कि किसी सरकारी भवन में आग लगी हो। विपक्ष भी अब इस मामले पर निशाना साध रहा है।
कहा जा रहा है कि विश्वेश्वरैया भवन (Visvesvaraya Bhawan) में ऐसे तो कई सरकारी विभागों के कार्यालय हैं, लेकिन बुधवार को लगी आग (Fire) से सबसे अधिक नुकसान ग्रामीण कार्य विभाग को हुआ है।
बताया जा रहा है कि विभाग के मंत्री कक्ष और कोषांगों के अलावा अभियंता प्रमुख, विशेष सचिव का कार्यालय इसकी चपेट में आए हैं।
बताया जाता है कि इस आग (Fire) लगने की घटना में ग्रामीण कार्य विभाग के अलावा भवन निर्माण और योजना विभाग कार्यालय चपेट में आए।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी घटनास्थल का जायजा लेने के क्रम में कहा कि ऐसा कभी नहीं देखा।
आग (Fire) के मामले में जांच समिति का गठन किया गया
इधर, विश्वेश्वरैया भवन (Visvesvaraya Bhawan)में लगी आग (Fire) के मामले में जांच समिति का गठन किया गया है।
भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि भी कहते हैं कि प्रथम ²ष्टया शार्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है।वैसे, यह कोई पहला मामला नहीं है कि किसी सरकारी भवन में आग (Fire) लगी हो।
वर्ष 2009 में पुराना सचिवालय भवन में भी आग (Fire) लगने की घटना हुई थी। इसके आलावा 2016 मे विकास भवन स्थित स्वास्थ्य विभाग कार्यालय तथा 2020 में मुख्य सचिवालय स्थित ग्रामीण कार्य विभाग में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं।
इधर, विपक्ष अब आग (Fire) लगने की घटनाओं पर सरकार पर निशाना साध रही है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) कहते हैं कि पटना में जितनी आग सरकारी भवनों में लगती है उतनी आग निजी भवनों में भी नहीं लगती।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रत्येक घटनाओं के बाद जांच समिति बनती है लेकिन रिपोर्ट नहीं आती। तिवारी ने तो आशंका जताते हुए कहा कि कहीं आग (Fire) लगाई तो नहीं जा रही है। उन्होंने इन सभी घटनाओं की जांच करवाने की मांग की।