रांची: रांची के सांसद संजय सेठ (Sanjay Seth) ने कहा कि मंडी शुल्क वापस लेकर पुरानी व्यवस्था सरकार लागू करें। झारखंड में एक बार फिर से मंडी शुल्क लागू करने के बाद खाद्यान्न का अभूतपूर्व संकट उत्पन्न हो सकता है।
उन्होंने मंगलवार को कहा कि खाद्यान्न को लेकर राज्य में हाहाकार भी मच सकता है। झामुमो, कांग्रेस और राजद की गठबंधन वाली सरकार हर फैसला जनता के विरोध में ही ले रही है।
इस सरकार के फैसले भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले भी होते हैं। मंडी शुल्क भी उसी का एक हिस्सा है। मंडी शुल्क लागू करने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा और सबसे अधिक प्रताड़ित व्यवसाय जगत से जुड़े लोग और किसान होंगे।
मंडी शुल्क लागू करने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा
उन्होंने कहा कि राज्य की स्थिति यह है कि चावल और सब्जियों को छोड़कर अन्य सभी खाद्यान्न दूसरे राज्यों से आते हैं। ऐसे में राज्य में महंगाई बढ़ेगी और इसका सीधा असर आम लोगों के जनजीवन पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को व्यवसायियों के साथ समन्वय बैठाकर काम करना चाहिए। राज्य की अर्थव्यवस्था में व्यवसायियों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। किसानों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
और ऐसी परिस्थिति में यदि मंडी शुल्क वापस नहीं लिया जाता है तो इसका सीधा असर राज्य की आम जनता पर देखने को मिलेगा। व्यवसायियों ने इसके विरोध में हड़ताल किया है।
खाद्यान्न का आर्डर बंद कर दिया है, जिससे राज्य में अभूतपूर्व खाद्यान्न संकट(food crisis) उत्पन्न हो सकता है। इसलिए सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़ें और राज्य को बचाने का काम करें।
सांसद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन(Chief Minister Hemant Soren) से आग्रह किया है कि व्यवसायियों के साथ समन्वय बनाएं और इस फैसले को वापस ले, ताकि सुगमता पूर्वक राज्य की व्यवस्था पहले की तरह चल सके और आम आदमी बेवजह परेशान नहीं हो।