रांची: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) के पांचवें और अंतिम दिन शुक्रवार को आजसू पार्टी (AJSU Party) के विधायक (MLA) डॉ. लंबोदर महतो ने गैर सरकारी संकल्प (Government Resolution) लाकर भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 (Article 32) के तहत कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) की सूची में शामिल करने की मांग सरकार से की।
उन्होंने कहा कि कुड़मी समुदाय की उत्पत्ति और बसावट का मूल क्षेत्र छोटानागपुर का पठार क्षेत्र ही है। कुड़मी जनजाति समुदाय (Tribal Community) के द्वारा जंगल साफ करके गांव बसा कर खेती करके जीवन निर्वहन करते हुए अपने पुरखों द्वारा गढ़े गए सांस्कृतिक एवं सामाजिक परंपराओं (Cultural and Social Traditions) के अधीन यह समुदाय संचालित है। इसके तहत समुदाय के अपने 12 महीने के 13 परब हैं।
उन्होंने कहा कि कुड़मी समुदाय की सांस्कृतिक एवं सामाजिक विशेषताएं (Cultural and Social Characteristics) एवं समुदाय की पारंपरिक व्यवस्था ही उसे समुदायों से भिन्न पहचान कराती है।
कुड़मी समुदाय अभी तक मानव विकास की मुख्यधारा से बाहर
कुड़मी समुदाय की सामाजिक संरचना गांव परगना एवं देश मडल देश मंडल स्तर पर बनी होती है। इसमें महातअ, गढ़इत,पटवइ, परग नेइत , मडल तथा देसमडल आदि परंपरागत पदधारी लोग होते हैं।
कुड़मी समुदाय के सभी अनुष्ठानों के आयोजन का मुख्य अधिकारी (Chief Officer) नइआ, देहरी, पाहन ही होता है। कुड़मी समुदाय की जन्म संस्कार पारिवारिक जनों तथा पुरखों द्वारा धारित विधियों से संपन्न होते हैं।
कुड़मी समुदाय अभी तक मानव विकास की मुख्यधारा से बाहर है। इस राज्य में कुड़मी समुदाय सर्वाधिक आबादी वाला जनजाति है परंतु अभी तक अन्य जनजाति है परंतु अभी तक अन्य जनजाति (Tribe) इस समुदाय से उच्च स्तरीय अधिकारी या संवेदक या बौद्धिक नहीं बन सके हैं। इनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर है।