रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार की ओर से सभी विभागों में पड़े रिक्त पदों को भरने का कार्य किया जा रहा है।
सरकार गठन के बाद से ही सभी विभागों की नियुक्ति नियमावलियों को दुरुस्त और सुदृढ़ किया गया है, जिसका लाभ झारखंड के स्थानीय बच्चों को मिल रहा है। बहुत जल्द 40 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 12 हजार अवर सेवा स्तर के तथा विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए कार्मिक को अधियाचना भेज दी है।
वे झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह (Appointment Letter Distribution Ceremony) में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने सभागार में उपस्थित सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं तथा बधाई दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों (government departments) में रिक्त पड़े पदों पर तेजी से नियुक्ति कर मानव बल के अभाव में हो रही समस्याओं का समाधान हमारी सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि प्रत्येक महीने किसी न किसी विभाग में नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य की आंतरिक क्षमता को विकसित कर हमें प्रत्येक सेक्टर में आगे बढ़ने की जरूरत है। झारखंड की राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला एक आदर्श प्रयोगशाला के रूप में अपनी पहचान बनाए इसके लिए सभी नवनियुक्त सहायक निदेशक, वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारी तथा वैज्ञानिक सहायक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें।
हमें अब फॉरेंसिक जांच, डीएनए टेस्ट, नारकोटिक्स जांच सहित अन्य टेक्निकल जांच के लिए सैंपल अन्य राज्यों में न भेजना पड़े, इसीलिए राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला (State Forensic Science Laboratory) को सुदृढ़ और मजबूत बनाया जा रहा है।
जांच के अभाव में हजारों कैदी जेलों में बंद
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी, दलित, गरीब कमजोर वर्ग के हजारों कैदी जांच के अभाव में राज्य के विभिन्न कारागारों में बंद पड़े हैं।
गृह, कारा और आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में जो आंकड़े मेरे समक्ष लाए गए, उससे तो यह प्रतीत होता है कि ये सभी बंदी छोटे-छोटे जुर्म के आरोप में फंसे हैं और जांच के अभाव में कई वर्षों से राज्य के विभिन्न काराओं में कैदी के रूप में बंद पड़े हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कैदियों के वादों पर सरकारी संसाधनों (government resources) का उपयोग से त्वरित जांच प्रक्रिया निष्पादित कर इन्हें न्याय दिलाने का काम हमारी सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न कारागारों में 80 से 90 प्रतिशत कैदी छोटे-मोटे आरोपों के शिकार बने हैं। ये सभी कैदी आर्थिक रूप से कमजोर, गरीब और पिछड़े वर्ग के हैं। इन्हें विधि सम्मत न्याय मिले यह हम सभी की जिम्मेदारी है।
झारखंड के नौजवानों में काबिलियत की कमी नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के नौजवानों के काबिलियत पर कोई प्रश्न चिन्ह खड़ा नहीं किया जा सकता है। सीमित संसाधनों के बावजूद हमारे नौजवानों ने कई क्षेत्रों में राज्य का नाम रोशन कर दिखाया है।
इस बार UPSC की परीक्षा में एक साथ हमारे 25 बच्चों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सफलता पाई है। राज्य स्थित नेतरहाट विद्यालय से पढ़कर अबतक सैकड़ों आईएएस,आईपीएस सहित अन्य बड़े पदों में अधिकारी देश के कोने कोने में काबिज हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के नवनियुक्त पदाधिकारी जो इस सभागार में उपस्थित हैं 90 से 95 प्रतिशत स्थानीय बच्चे हैं, जिन्होंने अपना प्रतिभा को दर्शाया और आज नियुक्ति पायी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आप सभी लोग राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला को नई क्षमता, नई ऊर्जा एवं नई सोच के साथ आगे ले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विदेशों में शिक्षा ग्रहण के लिए स्कॉलरशिप, खेल नीति सहित कई अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक सोच के साथ नियम बनाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का 42 प्रतिशत खनिज संपदा झारखंड में है। पिछले लगभग 100 वर्षों से खनन का कार्य किया जा रहा है परंतु यहां के विस्थापितों को दूसरे राज्यों में जाकर रोजी रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
विस्थापितों का विकास सिर्फ मुआवजा देकर ही नहीं किया जा सकता है बल्कि उन्हें सरकारी संसाधनों का लाभ देकर भी मजबूत करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन कार्यों के तहत राज्य को मिलने वाली रॉयल्टी के रूप में 01 लाख 36 करोड़ रुपये का बकाया केंद्र सरकार पर है।
अब हमें केंद्र सरकार द्वारा बकाया राशि मिलना प्रारंभ भी हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी, दलित, जरूरतमंदों का जुबान बनकर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नियुक्ति नियमावलियों में कई चीजों को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। पहले हमारे बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षाओं में आवेदन करने के लिए फॉर्म शुल्क के तौर पर पांच सौ, एक हजार, कभी-कभी पंद्रह सौ रुपए लगते थे, परंतु हमारी सरकार ने अब यह शुल्क मात्र 50 से 100 रुपये ही रखा है। अब जेपीएससी इत्यादि प्रतियोगिता परीक्षाओं में चार लाख से अधिक बच्चे शामिल होते हैं।
जन भावना के अनुरूप कार्य कर रही राज्य सरकार
खिजरी विधायक राजेश कच्छप (Rajesh Kachhap) ने कहा कि निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार प्रत्येक क्षेत्र में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। जो कार्य 22 साल पहले हो जाना था, वह आज किया गया। मुख्यमंत्री का सपना है कि झारखंड में सुशासन और पारदर्शी कानून व्यवस्था बनी रहे।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के समय झारखंड ने दूसरे राज्यों को आईना दिखाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने प्रतिबद्धता के साथ अपने वादों को निभाने का काम किया है।
तीव्र गति से सरकारी नियुक्तियां हो रही है। स्थिति अनुकूल रहती तो ये नियुक्तियां आज से डेढ़ वर्ष पहले ही हो गई होती। जल्द ही कई विभागों में हजारों नियुक्तियां होनी हैं।
अब तेज गति से हो सकेगा फॉरेंसिक जांच का कार्य
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह (Sukhdev Singh) ने कहा कि किसी भी प्रकार की क्राइम की जांच के लिए पुलिस के साथ फॉरेंसिक जांच टीम का होना जरूरी होता है।
एक्सपर्ट पदाधिकारियों के अभाव में पहले सैंपल जांच के लिए गुजरात भेजे जाते थे। वहां हमारी जांच को प्राथमिकता नहीं मिलती थी। इसी कारण पुलिस की जांच प्रभावित होती थी लेकिन अब इससे मुक्ति मिलेगी।
नवनियुक्त अधिकारियों के प्रति विश्वास जताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि फॉरेंसिक जांच के लिए आये सभी सैंपल समय पर पूरे होंगे, साथ ही बैकलॉग को क्लियर करने की रणनीति पर भी वह काम करें।
इसके लिए उन्होंने गृह विभाग से अनुरोध किया कि 15 दिनों के अंदर एक ओवरटाइम सिस्टम काम करने की रणनीति बनाएं, जिसमें काम करने वाले अधिकारियों को सैलरी के साथ इंटेंसिव भी मिले। ताकि वे उत्साह से काम कर पाये।
गृह विभाग की रिक्तियों को तेज गति से भरा जा रहा है
इस अवसर पर गृह, कारा एवं आपदा विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नियुक्ति कार्यों में तेजी आई है।
उन्होंने कहा कि JSSC और JPSC ने जितनी जल्दी से आज नियुक्ति पत्र पाने वाले अधिकारियों का रिजल्ट दिया है वह अपने आप में माइलस्टोन है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार गृह विभाग में रिक्त पड़े विभिन्न पदों को नियम के तहत जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है। उसी का परिणाम है कि आज कुल 93 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है।
DGP नीरज सिन्हा ने कहा कि पूर्व में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के लिए एक समिति बनी थी। समिति ने सुझाव दिया था कि पुलिस की जांच के साथ एक फॉरेंसिक जांच की भी टीम रहे।
राज्य में फॉरेंसिक लैब तो था, परंतु जांच के लिए एक्सपर्ट अधिकारियों की कमी थी। अब अधिकारियों की नियुक्ति होने से इन समस्याओं का निपटारा हो सकेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे (Vinay Kumar Choubey) सहित नवनियुक्त पदाधिकारी और अन्य लोग उपस्थित थे।