रांची : झारखंड की राजधानी रांची के मेन रोड (Main road) में दहशत के बाद रविवार सुबह राजधानी में रहने वालों की जिंदगी पटरी पर लौटते हुए दिख रही है।
पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी से स्थिति के नियंत्रण में आते ही रविवार की सुबह चार बजकर 33 मिनट के बाद शहर में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई।
हालांकि एहतियातन धारा 144 लागू अभी भी है। उपद्रवियों की पहचान की कर कार्रवाई की जा रही है।
लोउर बाजार थाना, हिंदपीढ़ी थाना और डेली मार्केट थाना में 20 से ज्यादा लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की गई है।
मेन रोड से हिंदपीढ़ी के बीच अभी भी पुलिस बल तैनात है। इसके अलावा भी शहर के हर चौक-चौराहे पर
सुबह लोग रोजमर्रा के कामकाज के लिए सड़कों पर दिखे। सड़क के किनारे सब्जी और मछली की दुकानें खुलीं। हालांकि प्रशासन पूरी तरह सजग है।
संवेदशील इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। पुलिस और प्रशासन के कदमों को स्थानीय लोगों की भी मदद मिल रही है। शहर में अभी भी निषेधाज्ञा (Section 144) लागू है।
पुलिस ने नौ प्राथमिकी दर्ज की
वर्तमान स्थिति को देखते हुए चर्च कमेटी ने रविवारीय प्रार्थना गिरजाघरों में नहीं करने का निर्णय लिया है।
श्रद्धालु घर से ही रविवारीय आराधना करेंगे। स्थानीय प्रबुद्ध लोग भी हर हाल में शांति बहाल करने के लिए प्रयासरत हैं।
गौरतलब है कि नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) के बयान से आक्रोशित मुस्लिम समाज के लोगों ने शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया।
स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान उपद्रवियों ने भी गोलीबारी (Firing) की।
इस गोलीबारी में कम से कम दो लोगों की मौत हुई है और एक दर्जन से अधिक घायल हुए हैं। इसके बाद शुक्रवार शाम प्रशासन ने रांची में इंटरनेट सेवा पर अस्थाई रोक लगा दी थी।
इस बीच पुलिस ने नौ प्राथमिकी दर्ज की हैं। इनमें 20 लोगों को नामजद करते हुए 10 हजार से अधिक अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है।
कमेटी में आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल और ADG अभियान संजय आनंद लाटकर शामिल हैं। कमेटी एक सप्ताह में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी।