गुमला: डुमरी प्रखंड में कोरोना एक सप्ताह में 10 लोग की जान जा चुकी है। डुमरी प्रखंड के नावाडीह, बन्दूवा, कोठी चिरैया सहित कई ऐसे गांव है जहां प्रत्येक गांव में 30 से 40 लोग बीमार है।
पर जागरूकता की कमी से वे जांच नहीं करा रहे बस झोला छाप डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं।
नावाडीह बस्ती में पिछले 6 दिनों से प्रत्येक दिन 1 लोग की मरने की खबर है। जिससे यह भी नही कहा जा सकता कि सभी की मौत कोरोना से हुई है।
शहर से लेकर गांव तक में कोरोना संक्रमण फैलता जा रहा है। पहली लहर में जहां ग्रामीण इलाकों में संक्रमण कम देखा गया था, वहीं दूसरी लहर में गांव में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
इस वैश्विक महामारी के समय डुमरी ब्लॉक ऐसा भी जहां के लोग झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे हैं।
ये ब्लॉक गुमला जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर स्थित है। जो लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत का गृह प्रखंड है, लेकिन इस ब्लॉक में चिकित्सीय व्यवस्था चिंताजनक है।
सरकारी डॉक्टर मनमानी ढंग से ड्यूटी करते हैं। झोलाछाप डॉक्टर कोरोना के लक्षण होने के बावजूद भी जांच कराने की सलाह नहीं देते हैं। मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जाने पर भी डॉक्टर नहीं मिलते हैं।
हॉस्पिटल में कार्यरत किसी भी लोगों के पास डाक्टर की कोई जानकारी तक नहीं होती की वे अंतिम बार कब आए थे और अगले बार कब जाएंगे।