HomeUncategorizedज्ञानवापी मामला : वो पांच महिलाएं, जिनकी याचिका ने देश को हिला...

ज्ञानवापी मामला : वो पांच महिलाएं, जिनकी याचिका ने देश को हिला कर रख दिया

spot_img

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Mosque Complex ) स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा-अर्चना की अनुमति मांगने के लिए याचिका दायर कर देश भर में उथल-पुथल मचाने वाली पांच महिलाएं न तो दोस्त हैं और न ही किसी एक समूह का हिस्सा हैं।

पांच याचिकाकर्ताओं में से एक दिल्ली से, जबकि चार वाराणसी की रहने वाली हैं। वे एक-दूसरे से एक सत्संग में मिली थीं।

लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक वाराणसी में रहती हैं और अगस्त 2021 में शुरू हुए मामले की हर सुनवाई में मौजूद रही हैं, जबकि पांचवीं और मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह दिल्ली में रहती हैं, मगर वह अदालत में उपस्थित नहीं हुई हैं।

राखी सिंह की धर्म में रुचि विश्व वैदिक सनातन संघ से उनके संबंधों से उत्पन्न हुई प्रतीत होती है। 35 वर्षीय राखी संगठन की संस्थापक सदस्य हैं। उनके चाचा जितेंद्र सिंह बिशन संघ के अध्यक्ष हैं।

विश्व वैदिक सनातन संघ (Vishwa Vedic Sanatan Sangh) के यूपी संयोजक संतोष सिंह के अनुसार, संगठन ने चार महिलाओं के साथ समन्वय किया और अगस्त 2021 में ज्ञानवापी मामले में याचिका दायर करने के लिए उन्हें एकजुट किया गया।

मैंने महिलाओं को सामने रखने का फैसला किया

दूसरी याचिकाकर्ता 65 वर्षीय लक्ष्मी देवी हैं, जिनके पति सोहन लाल आर्य वाराणसी में विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं। लक्ष्मी देवी मूल रूप से एक गृहिणी हैं और वाराणसी के महमूरगंज इलाके में रहती हैं।

इस मामले में एक सक्रिय भूमिका निभाने वाले उनके पति का दावा है कि उन्होंने ही पांच महिलाओं (याचिकाकर्ताओं) को प्रेरित करके एकजुट किया था।71 वर्षीय आर्य याचिका में वादियों के एजेंट भी है।

1984 से विहिप वाराणसी महानगर के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता आर्य ने कहा कि उनकी पत्नी सहित सभी याचिकाकर्ताओं को उनके द्वारा चुना गया था।

बचपन से आरएसएस (RSS) से जुड़े होने का दावा करने वाले आर्य ने कहा कि उन्होंने 1985 में वाराणसी की एक अदालत में काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले में अपनी पहली याचिका दायर की थी।

उन्होंने कहा, इस बार, मैंने महिलाओं को सामने रखने का फैसला किया, क्योंकि वे महिलाएं ही हैं, जो मां श्रृंगार गौरी की पूजा-अर्चना करती हैं।

मैंने चार महिलाओं को चुना, क्योंकि मुझे याचिका दायर करने के लिए कुछ महिलाओं की जरूरत थी। मेरे पास कोई अन्य नाम नहीं था, इसलिए मैंने उन्हें चुना।हिंदुत्व को प्राथमिकता देने वाले विश्व वैदिक सनातन संघ की स्थापना 2018 में की गई थी।

संगठन ने दिल्ली की एक अदालत में कुतुब मीनार की स्थिति के साथ-साथ मथुरा की एक अदालत में कृष्ण जन्मभूमि के संबंध में भी मुद्दा उठाया है, जहां एक मस्जिद के साथ विवाद शामिल है।

हालांकि, एक अन्य याचिकाकर्ता सीता साहू की एक और ही कहानी है कि वह तमाम महिलाएं मामला उठाने के लिए एक साथ कैसे आईं।

उन्होंने कहा, हम चारों ने एक सत्संग में मुलाकात की और याचिका दायर करने का फैसला किया। राखी सिंह ने हमसे संपर्क किया और कहा कि वह याचिका का हिस्सा बनना चाहती हैं, इसलिए हमने उन्हें भी शामिल किया।

सीता साहू ज्ञानवापी परिसर से महज 2 किमी दूर वाराणसी के चेतगंज इलाके में अपने घर से एक छोटा सा जनरल स्टोर चलाती हैं।

हालांकि वह कभी भी किसी समूह या संगठन से जुड़ी नहीं रही हैं। उन्होंने कहा, हम हिंदू धर्म के लिए काम कर रहे हैं और याचिका इसलिए दायर की है, क्योंकि हमें मंदिर में अपनी देवी की ठीक से पूजा करने की अनुमति नहीं है।

49 वर्षीय मंजू व्यास, ज्ञानवापी परिसर से 1.5 किमी दूर स्थित अपने घर से एक ब्यूटी पार्लर चलाती हैं और वह भी किसी भी समूह या संगठन की सदस्य या पदाधिकारी नहीं हैं।

35 वर्षीय रेखा पाठक ने कहा कि वह अपनी देवी के लिए याचिका का हिस्सा बनीं हैं

अपने छोटे व्यवसाय के अलावा, वह अपने परिवार की देखभाल करती है। उनकी रुचि श्रृंगार गौरी स्थल पर पूजा करने की है। मामले की पांचवीं याचिकाकर्ता 35 वर्षीय रेखा पाठक ने कहा कि वह अपनी देवी के लिए याचिका का हिस्सा बनीं हैं।

उन्होंने कहा, मुझे बुरा लगा कि मंदिर में पूजा के लिए जाने वाली महिलाओं को बैरिकेडिंग के आगे नहीं जाने दिया जाता है, इसलिए मैं याचिका का हिस्सा बन गई।

याचिका दायर करने का निर्णय मंदिर के एक सत्संग के दौरान लिया गया था, क्योंकि हम सभी देवी की पूजा करती हैं। उनकी याचिका पर ही सिविल जज (सीनियर डिवीजन, वाराणसी) ने ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियोग्राफिक निरीक्षण का आदेश दिया था।

याचिकाकर्ताओं ने कहा, हमारे लिए श्रृंगार गौरी मां की पूजा करने के अलावा और कुछ मायने नहीं रखता और जब तक हमें अनुमति नहीं मिल जाती, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे।

दिलचस्प बात यह है कि सभी पांच याचिकाकर्ताओं में से किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं है कि उनकी याचिका का देश पर क्या कानूनी या राजनीतिक प्रभाव पड़ रहा है।

रेखा पाठक ने कहा, हमें केवल श्रृंगार गौरी में पूजा करने को लेकर चिंता है और इसके अलावा हमारे लिए कुछ और मायने नहीं रखता।

spot_img

Latest articles

30 लाख की ज्वेलरी चोरी का खुलासा, ओडिशा-आंध्र के दो अपराधी गिरफ्तार

Palamu Crime News: पलामू जिले के लेस्लीगंज में 20 जून की देर शाम बाइक...

Vivo X200 FE की भारत में लॉन्चिंग कंफर्म, टीजर वीडियो में दिखी फोन की पहली झलक

Vivo X200 FE launch: Vivo ने अपने ऑफिशियल X हैंडल (@Vivo_India) पर टीजर वीडियो...

हजारीबाग पुलिस का फरार अपराधियों पर बड़ा प्रहार, 107 अभियुक्त गिरफ्तार

Jharkhand News: हजारीबाग जिले में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस...

कोलकाता-दिल्ली नेशनल हाइवे पर झरी पुल के पास दो ट्रकों की भीषण टक्कर

Jharkhand News: गिरीडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र में कोलकाता-दिल्ली नेशनल हाइवे पर झरी...

खबरें और भी हैं...

30 लाख की ज्वेलरी चोरी का खुलासा, ओडिशा-आंध्र के दो अपराधी गिरफ्तार

Palamu Crime News: पलामू जिले के लेस्लीगंज में 20 जून की देर शाम बाइक...

Vivo X200 FE की भारत में लॉन्चिंग कंफर्म, टीजर वीडियो में दिखी फोन की पहली झलक

Vivo X200 FE launch: Vivo ने अपने ऑफिशियल X हैंडल (@Vivo_India) पर टीजर वीडियो...

हजारीबाग पुलिस का फरार अपराधियों पर बड़ा प्रहार, 107 अभियुक्त गिरफ्तार

Jharkhand News: हजारीबाग जिले में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस...