वाराणसी: बुधवार को वाराणसी में इकोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Mosque Complex) का सर्वे के लिए पहुंची।
परिसर का कोना-कोना टीम कंगाल रही है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार 12.30 बजे भोजनावकाश के बाद फिर 2.30 बजे सर्वे दोबारा शुरू हुआ।
मंगलवार को शाम पांच बजे सर्वे पूरा होने के बाद ASI के अधिकारियों ने बुधवार के लिए टीम को अलर्ट किया था।
कमेटी की तरफ से मौजूदा लोग
बता दें कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी (Anjuman Intejamia Masjid Committee) के अधिवक्ता मंगलवार को सर्वे के दौरान नहीं पहुंचे।
मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन (SM Yasin) ने कहा कि सर्वे में अधिवक्ताओं की कोई जरूरत नहीं है। कमेटी की तरफ से हाजी इकबाल, जावेद इकबाल, एजाज मोहम्मद और शमशेर अली सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे।
टीम 8 से 10 जगहों पर निशानदेही करेगी
लगभग 30 सदस्यीय टीम आधुनिक उपकरणों के साथ ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Campus) की बारिकी से जांच कर रही है।
अधिकारियों की मानें तो ज्ञानवापी में पश्चिमी दीवार से लगे हुए मलबे के साथ ढेरों पत्थर जमीन पर पड़े हैं। मंगलवार को सर्वे टीम ने इनकी तस्वीरों का मिलान पश्चिमी दीवार पर मिली आकृतियों के साथ किया।
ASI ने पूरे परिसर में की शैली को कागजों पर उतारा है। टीम आधुनिक तकनीक पर आधारित फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, मैपिंग व स्कैनिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। इसमें एक्सपर्ट के तय होते ही जीपीआर मशीन से सर्वे के लिए अलग टीम वाराणसी आई है।
ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) के लिए आए एक्सपर्ट ने मशीन लगाने की जगहों को चिह्नित करेंगे। टीम 8 से दस जगहों पर निशानदेही करेगी।
जिन स्थानों पर जीपीआर मशीन लगाई जाएगी, इसमें चार स्थान सेंट्रल डोम यानि मुख्य तहखाने में तय किए जाएंगे।
कलशनुमा कलाकृति की स्कैनिंग जारी है
इससे पहले व्यास तहखाना में मिली कलाकृतियों, गुंबदों की सीढ़ियों के पास बने कलशनुमा कलाकृति (Art Work) की स्कैनिंग जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि टीम ने संरचना, वास्तु शैली काे परखने के साथ ही माप की। निर्माण में इस्तेमाल सामग्री की छानबीन की। जानकारी जुटाई कि हर हिस्से के निर्माण में किस तरह की सामग्री इस्तेमाल हुई और किस कालखंड में प्रयोग की गई।