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हजारीबाग में दिव्यांग किसान की गर्भवती बेटी की वसूली एजेंट ने ट्रैक्टर से कुचलकर ले ली जान, मचा बवाल

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हजारीबाग: जिले में एक दिलदहलाने वाली घटना सामने आई है। एक निजी फाइनेंस कंपनी (Finance Company) से कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीदना Hazaribagh के एक किसान (Farmer) को इतना महंगा पड़ा कि उसे इसकी कीमत अपनी बेटी और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की जान देकर चुकानी पड़ी। जी हां, यह घटना इचाक प्रखंड की है।

जहां पर निजी फाइनेंस कंपनी के एजेंटों ने समय पर पैसा नहीं देने पर किसान की बेटी और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को ट्रैक्टर से रौंद दिया। मोनिका तीन माह की गर्भवती भी थी।

हजारीबाग के इचाक में यह जघन्य घटना गुरुवार को दिन के साढ़े ग्यारह बजे हुई। वसूली एजेंट कर्ज की किस्त में देरीपर ट्रैक्टर जब्त करने आए थे। बकाए को लेकर विवाद के बाद जबरन ट्रैक्टर ले जाने लगे। बेटी ने रोकना चाहा तो उसी ट्रैक्टर से रौंद दिया।

महिंद्रा फाइनांस से कर्ज लेकर खरीदा था ट्रैक्टर

Mithilesh Mehta ने बताया कि उन्होंने महिंद्रा फाइनांस (Mahindra Finance) से कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीदा था। रोज ट्रैक्टर को वह घर से थोड़ी दूर स्थित एक पेट्रोल पंप के पास लगाते थे।

दो दिन पहले कंपनी की ओर से मैसेज आया कि बकाया किस्त 120,000 रुपये जमा करें। लेकिन मिथिलेश तय तिथि पर नहीं पहुंच पाए। इसी बीच गुरुवार को भी ट्रैक्टर Petrol Pump पर खड़ा था। वहां करीब ग्यारह बजे एक कार से चार लोग पहुंचे। उनमें से एक व्यक्ति ट्रैक्टर स्टार्ट कर ले जाने लगा।

तब एक पेट्रोल पंपकर्मी ने इसकी सूचना दी। मिथिलेश समझ गए कि जरूर रिकवरी एजेंट होंगे। वह किस्त की बकाया रकम लेकर मोनिका के साथ घर से निकले। उन्हें बरियठ के समीप उनका ट्रैक्टर दिखा। मिथिलेश ने इशारे से उनलोगों को रोका।

ट्रैक्टर के पीछे-पीछे चल रही कार भी रुकी। कार से एक शख्स निकला और कहा कि एक लाख 30 हजार रुपये लेकर ऑफिस पहुंचो।

मिथिलेश ने पहचान पूछी तो एजेंट हो गया आगबबूला

मिथिलेश ने कहा कि मैं रुपए लेकर आया हूं लेकिन आप पहले पहचान बताइये। इस पर उसने खुद को महिंद्रा फाइनांस का जोनल मैनेजर बताया। तब मिथिलेश ने उससे जोनल मैनेजर होने का प्रमाण मांगा।

इसके बाद खुद को जोनल मैनेजर (Zonal manager) बताने वाला शख्स आगबबूला हो गया और ट्रैक्टर चला रहे साथी को गाड़ी बढ़ाने का इशारा किया। तब मोनिका ट्रैक्टर के बगल में ही खड़ी थी।

चालक को रोकना चाहा तो कुचलते हुए निकल गया

मोनिका ने जब चालक को रोकना चाहा तो वह उसे कुचलते हुए आगे बढ़ गया। वसूली एजेंटों ने जब लड़की को गंभीर हालत में देखा तो सिरसी के पास ट्रैक्टर खड़ा कर भाग गए।

आसपास के लोगों ने मोनिका को हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) पहुंचाया। वहां से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया। रांची ले जाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी।

हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने कहा कि बेहद गंभीर मामला है। इसकी जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिना पुलिस की सूचना के Agent वसूली करने कैसे चले जाते हैं, इसकी भी जांच होगी।

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