नई दिल्लीः स्वास्थ्य विभाग ने कोविड ट्रीटमेंट के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए ट्रीटमेंट की नई SOP जारी की गयी है। जिसकी निगरानी का आदेश राज्य के सभी जिलों के डीएम और सिविल सर्जन को दी गयी है। स्वास्थ्य विभाग की नई गाइडलाइन के अनुसार यह साफ कर दिया गया है की अगर सांस में समस्या नहीं है, तो बिना अस्पताल गए ही संक्रमित 7 दिन में खुद ब खुद कोरोना निगेटिव हो जाएगा।
नई गाइडलाइन के अनुसार कोरोना के माइल्ड केस में संक्रमित घर पर या कोविड केयर सेंटर पर अपनी देखभाल करा सकते हैं। यह ध्यान रखना होगा कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा (ऑक्सीजन सैचुरेशन) SPO2 94 प्रतिशत से अधिक हो। व्यस्कों के लिए सांस की गति कम से कम 24 प्रति मिनट होनी चाहिए और सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए।
संक्रमण रोकने का तरीका
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। बार बार हाथ धोने के साथ सैनिटाइज करने की सलाह दी गयी है। घर में हवादार कमरे में रहने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही घर में अधिक लोग हों तो सभी को संक्रमित की तरह प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा। अगर घर छोटा है या फिर सोशल डिस्टेंस या अन्य प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो पा रहा है तो कोविड केयर सेटर में भर्ती हो सकते हैं।
सेहत का ख्याल
ऑक्सीजन की जांच संक्रमित के लिए लगातार मॉनिटरिंग जरूरी है। संक्रमित होने के बाद होम आइसोलेशन में शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा 8-8 घंटे पर चेक करते रहें। पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन की जांच करें। शरीर में ऑक्सीजन की स्थिति दो बार में जांच कर लें। एक विश्राम की अवस्था में और दूसरा 6 मिनट पैदल चलने के बाद। अगर 6 मिनट पैदल चलने के बाद SPO2 94 प्रतिशत से कम हो जाए या फिर 3 प्रतिशत घट जाए तो सतर्क हो जाना आवश्यक है।इससे यह पता चल जाएगा कि संक्रमित की स्थिति में गिरावट हो रही है। सुबह, दोपहर और रात में बुखार की मॉनिटरिंग की जाए। दिन में एक बार ब्लड प्रेशर की जांच कराएं, अगर कम हो जाए तो पूरी तरह से सावधान हो जाएं।
डॉक्टर से सलाह अवश्य लें
अगर संक्रमण के दौरान तीसरे दिन भी लक्षण हों तो डॉक्टर से सलाह लेकर इनहेलर का इस्तेमाल करें। रोगी के लक्षण जब तक रहे तब तक होम आइसोलेशन में डॉक्टर के संपर्क में बने रहें। पांचवें दिन भी कोरोना का लक्षण रहे तो डॉक्टर से सलाह लेकर कोविड केयर सेंटर या फिर हॉस्पिटल में जाएं। अगर लक्षण बढ़ रहा है और सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो डॉक्टर की सलाह पर अस्पताल में भर्ती होना जाये और अपना इलाज करवाएं।
अस्पताल जाने की आवश्यकता कब
SPO2 जब 94 प्रतिशत या उससे 3 प्रतिशत कम हो जाए
कभी भी जब सांस लेने में तकलीफ की समस्या होने लगे
जब सांस की गति प्रति मिनट 24 से कम हो जाए या फिर अधिक हो जाए
जब तक अस्पताल जाने की प्रक्रिया हो तब तक प्रोनिंग की प्रक्रिया यानि सांस बढ़ाने की एक्सरसाइज करें
माइल्ड केस के लक्षण
बुखार गले में खराश
खांसी
नाक बहना
बदन दर्द
सिर दर्द के साथ थकान
पेट में ऐंठन
दस्त
स्वाद या गंध का ना मिलना
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