रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस एसएम प्रसाद की बेंच में शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी मामले की सुनवाई हुई।
बेंच ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही किसी फैसले तक पहुंचेंगे। इसके साथ सुनवाई की अगली तारीख 23 जून को मुकर्रर की गई है।
राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश पक्ष रख रहे हैं और मुख्यमंत्री की ओर से अमृतांश वत्स सुनवाई में शामिल हैं। सरकार और मुख्यमंत्री की ओर से सुनवाई रोकने की मांग की जा रही है।
इसके पहले बीते बुधवार को राज्य सरकार की ओर से हाई कोर्ट में आइए दायर किया गया, जिसमें सुनवाई टालने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने इससे इंकार कर दिया था।
पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने दोनों याचिका को मेंटनेबल बताते हुए सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया था। इसके पहले मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) गया था, जहां कोर्ट ने सुनवाई के लिए हाई कोर्ट रेफर किया था।
झारखंड हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ 11 फरवरी को जनहित याचिका दायर की गयी है। प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जिम्मे खनन और वन पर्यावरण विभाग भी हैं।
उन्होंने स्वयं पर्यावरण क्लीयरेंस (self environmental clearance) के लिए आवेदन दिया और खनन पट्टा हासिल की। ऐसा करना पद का दुरुपयोग और जनप्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है।
इसलिए इस पूरे मामले की CBI से जांच कराई जाए। प्रार्थी ने याचिका के माध्यम से हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग भी की है।
शेल कंपनी से जुड़ा है मामला, मुख्यमंत्री सहित कई प्रतिवादी
अन्य याचिका भी याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से जनहित याचिका दायर की थी।
अधिवक्ता राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन के पैसे को ठिकाने लगाने के लिए रांची के चर्चित बिजनेसमैन रवि केजरीवाल, रमेश केजरीवाल एवं अन्य को दिया जाता है।
यह पैसा 24 कंपनियों के माध्यम से दिया जा रहा है और इन कंपनियों के माध्यम से ब्लैक मनी को व्हाइट मनी बनाया जा रहा है।
इसलिए याचिका के माध्यम से अदालत से जांच की मांग की गई है। CBI, ED और इनकम टैक्स से पूरी संपत्ति की जांच की मांग की गई है।
इस मामले में झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के मुख्य सचिव, CBI, ED, हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन, रवि केजरीवाल, रमेश केजरीवाल, राजीव अग्रवाल एवं अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है।