नई दिल्ली: जांच एजेंसी सीरियस फ्राड इंवेस्टिगेशन ऑर्गनाइजेशन (SFIO) की उस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 26 मई को सुनवाई करेगा जिसमें सहारा (Sahaara) समूह की फर्मों को राहत देने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।
बुधवार को सहारा समूह की ओर से कहा गया कि उसके वकील कपिल सिब्बल सुनवाई के लिए उपलब्ध नहीं हैं, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी।
सहारा समूह की ओर से आज की सुनवाई टालने की मांग का एसएफआईओ की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विरोध नहीं किया।
SFIO ने हाई कोर्ट के इसी आदेश को चुनौती दी है
17 मई को मेहता ने कोर्ट से कहा था कि हाई कोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस समेत कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
हाई कोर्ट के इस आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि इस रोक की वजह से सहारा समूह की कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 13 दिसंबर, 2021 को सहारा समूह की सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड और दूसरी कंपनियों के खिलाफ जांच की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
हाई कोर्ट ने 31 अक्टूबर, 2018 और 27 अक्टूबर, 2020 के केंद्र सरकार के जांच के आदेश पर भी रोक लगा दी थी। SFIO ने हाई कोर्ट के इसी आदेश को चुनौती दी है।