मुंबई: Bombay High Court ने कहा कि वह Deepawali की छुट्टियों के बाद अदालत की छुट्टियों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा।
दरअसल जनहित याचिका में अदालतों की लंबी छुट्टियां को चुनौती दी गई है, जिससे कथित तौर पर मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही है।
High Court में 22 अक्टूबर से Deepawali की छुट्टियां शुरू हो रही हैं, इसके बाद अदालत नौ नवंबर को फिर खुलेगी।
सबीना लकड़ावाला द्वारा दायर जनहित याचिका में उच्च न्यायालय की छुट्टियों को चुनौती देकर दावा किया गया कि यह वादियों के न्याय हासिल करने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
न्यायपालिका के सदस्यों को एक ही समय में छुट्टी नहीं लेनी चाहिए
लकड़ावाला के वकील मैथ्यूज नेदुमपुरा ने कहा कि याचिकाकर्ता न्यायाधीशों की छुट्टियां लेने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन न्यायपालिका के सदस्यों को एक ही समय में छुट्टी (Vacation) नहीं लेनी चाहिए।
उन्हें इस तरह छुट्टी लेनी चाहिए कि अदालतें पूरे साल काम कर सकें। नेदुमपुरा ने न्यायमूर्ति एस. वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति आर. एन. लड्ढा की खंडपीठ से याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।
पीठ ने वकील से पूछा कि अब जनहित याचिका क्यों दायर की गई जब 2022 के लिए उच्च न्यायालय का ‘कैलेंडर’ पिछले साल नवंबर में ही उपलब्ध करा दिया गया था।
उच्च न्यायालय में हर साल तीन बार छुट्टियां होती हैं
High Court ने कहा कि जनहित याचिका (Public interest litigation) पर 15 नवंबर को सुनवाई की जाएगी। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय में हर साल तीन बार छुट्टियां होती हैं।
ग्रीष्मकालीन अवकाश (Summer Vacation) (एक माह), दीपावली की छुट्टियां (Diwali Holidays) (दो सप्ताह) और क्रिसमस की छुट्टियां (Christmas Holidays) (एक सप्ताह)। हालांकि इस दौरान आवश्यक न्यायिक कार्यों के लिए विशेष अवकाश पीठ उपलब्ध रहती है।