झारखंड

बाहा पर्व मनाने पैतृक गांव पहुंचे हेमंत सोरेन

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) होली की रात रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड स्थित अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे, जहां वे बाहा पर्व (Baha Festival) में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री सोरेन के साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, मां रुपी सोरेन सहित अन्य रिश्तेदार भी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री की यात्रा के मद्देनजर इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गये हैं। मुख्यमंत्री के आगमन की खुशी में उनके गांव में जश्न का माहौल है।

 

लोगों ने पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ मुख्यमंत्री किया स्वागत

रामगढ़ की उपायुक्त माधवी मिश्रा और पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय (Madhavi Mishra and Superintendent of Police Piyush Pandey) ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस क्रम में उन्हें पौधा देकर होली की बधाई भी दी।

परिजनों और गांव के लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सहित उनके परिवार का पारंपरिक रीति-रिवाज लोटा पानी के साथ जोरदार तरीके से स्वागत किया।

बाहा पर्व मनाने पैतृक गांव पहुंचे हेमंत सोरेन-Hemant Soren reached his native village to celebrate Baha festival

आदिवासियों का सोहराय के बाद दूसरा बड़ा पर्व है बाहा

बाहा पोरोब यानी बाहा पर्व (Baha Festival) संताल, उरांव, मुंडा समेत अन्य जनजातियों का पर्व है। बाहा का अर्थ फूल होता है। इस पर्व में महिला-पुरुष के साथ-साथ बच्चे परंपरागत कपड़े पहनकर मांदर की थाप पर खूब झूमते हैं।

बाहा आदिवासियों का सोहराय (Sohrai) के बाद दूसरा बड़ा पर्व है। संताली लोग इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। यह पर्व पतझड़ के बाद पेड़ों में नई पत्तियों एवं फूल (Leaves And Flowers) के आने की खुशी में मनाया जाता है। मान्यता है कि हिन्दी नववर्ष के स्वागत के लिए प्रकृति भी पूरी पृथ्वी को सजाती है।

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