प्रयागराज: 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) के बाद से STF माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) गैंग के पीछे पड़ी थी।
हत्याकांड के बाद से अतीक का बेटा असद (Asad) फरार हो गया। पांच लाख का इनाम घोषित होने के बाद भी असद STF के हाथ नहीं आ रहा था।
STF अफसरों (STF Officers) के मुताबिक असद के बारे में सबसे अहम जानकारी कुछ दिनों पहले प्रयागराज (Prayagraj) में अतीक के घर से बरामद आईफोन से मिली।
कोड नाम से बात करते थे गैंग के सदस्य
I-Phone को Decode करने पर गैंग के बारे में कई अहम जानकारियां (Key Information) हाथ आईं। मालूम चला कि गैंग के सदस्य आपस में Code Name से बात करते थे।
पुलिस कई बार इसे Decode नहीं कर पाती थी। आपसी बातचीत में बदमाश इन्हीं नाम का इस्तेमाल करते थे। हत्याकांड के पहले से बदमाश आपसी बातचीत (Mutual Conversation) में इन्हीं नामों का इस्तेमाल करते थे।
ये था कोड, जिससे होती थी बातचीत
STF के हाथों ढेर हुए अतीक के बेटे असद का नाम ‘राधे’ था। राधे नाम उसे बड़े बाल रखने की वजह से दिया गया।
उमेश पर दुकान (Shop) से निकलकर गोली चलाने वाले गुलाम का नाम ‘उल्लू’ रखा गया था। बम चलाने वाले बदमाश गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim) का नाम ‘मुर्गी’ रखा गया था।
यह नाम उसके घर में चलने वाले चिकन की दुकान (Chicken Shop) के चलते रखा गया। अतीक को उसके नाम से बुलाने के बजाय ‘बड़े मियां’ और अशरफ (Ashraf) को ‘छोटे मियां’ कहकर बुलाया जाता था।
गैंग के सदस्यों का कई नाम था
Bihar के सासाराम (Sasaram) का होने के नाते शूटर अरमान को बिहारी कहते थे। वहीं, इनामिया बदमाश असद कालिया को लंगड़ा नाम दिया गया।
गिरोह (Gang) में शामिल अन्य बदमाशों के भी कुछ अन्य लोगों के कोड नेम भी सामने आए हैं।
इसमें हलवाई, माया, तोता, पंडित, सैम, शेरू, रसिया, बल्ली, कछोली नाम भी दिया गया था।
यह बात भी सामने आई कि उमेश पाल कांड (Umesh Pal Scandal) में शामिल शूटर्स को I-phone के साथ ही साथ अलग से SIM Card दिए गए थे।
यह नाम Decode होने के बाद पुलिस को असद के बारे में पता लगाने में मदद मिली।