झारखंड

गजीपुर बोर्डर पर हाईवोल्टेज ड्रामा, प्रशासन बढ़ा रही फोर्स, टिकैत अपनी बात पर अड़े

गाजीपुर बॉर्डर: गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद से गजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों में तनाव की स्थिति बनी हुई है, लोगों में काना-फुसी शुरू हो चुकी है।

हर वक्त मीडिया के सवालों का जवाब देने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी फिलहाल शांत और दबाब में नजर आ रहे हैं।

बॉर्डर पर फिलहाल हाईवोल्टेज ड्रामा बना हुआ है, एक तरफ गाजियाबाद पुलिस ने गजीपुर बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया है। वहीं डीएम, एसएसपी स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।

हालांकि टिकैत की हाल ही में तबीयत भी खराब हुई, वहीं बॉर्डर पर उन्हें देखने के लिए डॉक्टर की एक टीम भी पहुंची। फिलहाल उनकी हालत सामान्य बताई जा रही है।

दूसरी ओर, बॉर्डर पर बैठे किसानों के मन में कई सवाल बने हुए हैं। किसानों ने खुद अपने टेंट हटाना भी शुरू कर दिया है।

लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्यों हटाया जा रहा है तो कहा कि बाहर हवा लगती है, इसलिए फ्लाईओवर के नीचे जा रहे हैं।

बॉर्डर पर किसानों ने अपने ट्रैक्टरों को आसपास खड़ा करना शुरू कर दिया है, वहीं जिस तरह फोर्स रात में तैनात है, उसी तरह किसान भी जगे हुए हैं।

बॉर्डर पर संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है, यही वजह है कि रात में टिकैत ने एक व्यक्ति को पकड़ा और उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। टिकैत ने बॉर्डर पर बैठे लोगों को निर्देश दिया है कि अपने आसपास के लोगों पर नजर बनाए रखें।

किसान भी लगातार रणनीति बनाने में लगे हुए हैं, फिलहाल गजीपुर बॉर्डर को चारो ओर से बंद कर दिया गया है, दिल्ली से नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ जाने वाले रास्तों को डाइवर्ट कर दिया गया है।

राकेश टिकैत ने अपने करीबियों से बातचीत करना शुरू कर दी है, हर विषय पर चर्चा की जा रही है। कुछ वक्त पहले पुलिस ने टिकैत से बात भी की और उनको धरना स्थल छोड़ने का आदेश भी दिया, लेकिन स्टेज पर ही राकेश टिकैत ने प्रशासन पर दमन का आरोप लगाया।

राकेश टिकैत ने कहा, गिरफ्तारी के नाम पर मेरी हत्या की साजिश रची गई। विधानसभा लखनऊ के नाम का पास लगी गाड़ियों में हथियारबंद गुंडे धरना स्थल पर भेजे गए। मैं आत्महत्या कर लूंगा, लेकिन बिल वापसी बगैर धरने से नहीं हट सकता।

टिकैत ने आगे कहा, उत्तर प्रदेश पुलिस धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने को जायज ठहराया है।

गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है। इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है। हमारा आंदोलन जारी है, लालकिले पर हुई घटना की न्यायिक जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।

उन्होंने कहा कि लालकिले पर हुई घटना में शामिल दीप सिद्धू का सामाजिक बहिष्कार किया गया है। किसानों ने पानी रोक दिया है। वह जब तक गांव से पानी लेकर धरने पर नहीं आएगा, पानी नहीं पीयूंगा।

उन्होंने आगे कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने धरने से हटाने के लिए नहीं कहा था। जिला प्रशासन सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा नहीं हो सकता। इसके खिलाफ कल सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करूंगा।

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