न्यूयार्क: ईरान (Iran) में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन (Protest) कर रही महिलाओं से हाल के दिनों में मोबाइल फोन पर मिले संदेशों के बारे में बात करते हुए मसीह अलीनेजाद (Maseeh Alinejad) की आखों में आंसू आ गए।
देश के सख्त धार्मिक ‘ड्रेस कोड’ (Dress Code) का उल्लंघन किये जाने को लेकर पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय एक युवती की मौत हो जाने के बाद ईरान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।
अलीनेजाद को मोबाइल फोन पर मिले संदेशों में बताया गया है कि सुरक्षा बलों से आमना-सामना होने की स्थिति में उन्हें किस कदर खतरे का सामना करना पड़ रहा है। असंतुष्टों पर कार्रवाई करने का सुरक्षा बलों का एक लंबा इतिहास रहा है।
संदेशों में, पुलिस के साथ हुए टकराव, महिलाओं के हिजाब उतारने और अपने बाल कटवाने के वीडियो भेजे गये हैं।
अलीनेजाद (46) ने न्यूयार्क (Newyork) शहर में कहा, ‘‘मैं मोबाइल फोन पर मिले संदेशों में प्रकट किये गये गुस्से को अभी महसूस कर रही हूं।’’
ईरान में 2009 के चुनाव के बाद से देश छोड़ने के बाद यह लेखिका न्यूयार्क में निर्वासन में रह रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (महिलाओं को) वर्षों से नजरअंदाज किया जा रहा है। यही कारण है कि वे आक्रोशित हैं। ईरानी महिलाएं अब गुस्से में है।’’
माहसा अमीनी (Mahsa Amini) (22) को हिजाब (Hijab) सही तरीके से नहीं पहनने को लेकर 13 सितंबर को हिरासत में लिया गया था।
पुलिस हिरासत में तीन दिनों बाद उसकी मौत हो गई। अधिकारियों ने उसकी मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना बताया था। इसके बाद, जनाक्रोश पैदा हो गया।
अमीनी को 17 सितंबर को दफन किये जाने के बाद प्रदर्शन शुरू हुए और यह दर्जनों शहरों में फैल गये हैं।
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, कम से कम 11 लोग मारे गये हैं।