रांची: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (Jharkhand Central University) के कुलपति क्षिति भूषण दास (Vice Chancellor Kshiti Bhushan Das) ने कहा कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हिन्दी भाषा (HIndi language) उपयोगी है।
हिन्दी बोलने पर हर भारतीय को गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। हिन्दी हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है। पूरे देश को जोड़ने का काम हिन्दी भाषा करती आई है। दास बुधवार को हिन्दी दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि गैर हिन्दी भाषा के लोगों को हिन्दी की महत्ता को स्नेह के साथ आज सीखाने की जरूरत है। हिन्दी पखवाड़ा (Hindi fortnight) गैर हिन्दी भाषा क्षेत्रों में भी आयोजित की जानी चाहिए ।
प्रभुदेव कुरले ने कहा कि झारखंड आने के बाद उन्होंने हिंदी सीखने पर ज्यादा जोर दिया
साथ हीं उन्होंने कहा कि हिन्दी को सिर्फ दिवस के रूप में नहीं पूरे साल उत्सव के रूप में देखा जाना चाहिए । मौके पर हिन्दी विभाग के अध्यक्ष और DSW Pro Ratnesh Vishwakasen ने कहा कि राष्ट्र भाषा के लिए अधिकतम योग्यता रखने वाली भाषा कोई है तो वह हिन्दी है।
हिन्दी में हम जो सोचते है वो ही हम लिखते और बोलते हैं। हिन्दी दिवस का नाम राजभाषा हिन्दी दिवस कहना ज्यादा उचित होगा ।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण विश्वविद्यालय (University of Attraction) के गैर हिन्दी भाषी क्षेत्र से आने वाले शिक्षकों ने मंच से अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान परीक्षा नियंत्रक प्रभुदेव कुरले ने कहा कि झारखंड आने के बाद उन्होंने हिंदी सीखने पर ज्यादा जोर दिया।
इसका फायदा उन्हें आज मिल रहा है कि वह छात्रों औऱ अभिभावकों से सीधा संवाद आज हिन्दी में आसानी से कर पा रहे हैं।
फिल्म का निर्देशन रवि रंजन ने किया
वहीं दूसरी ओर IQAC के निदेशन Prof. K. Day ने कहा कि ओडिसा में स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने हिन्दी सीखी जरूर थी लेकिन हिन्दी को आत्मसात झारखंड में आने के बाद किए।
इसका नतीजा है कि वो आज मंच से हिन्दी संबोधन आसानी से कर पा रहे हैं । इनके अलावा दक्षिण भारत से आने वाले डा नागापवण और डा नरेश बुरला ने भी हिन्दी के महत्व को सभी से साझा किया ।
कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के डा उपेंद्र कुमार सत्यार्थी और सहायक कुलसचिव डा शिवेंद्र ने समापन भाषण दिया । इस दौरान हिन्दी विभाग के शोधार्थियों द्वारा निर्मित लघु फिल्म (Short film) प्रदर्शित की गई। फिल्म का निर्देशन रवि रंजन ने किया ।