नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने विदेशी अंशदान विनियमन कानून (FCRA) के तहत गैर सरकारी संगठनों को जारी किए जाने वाले पंजीकरण प्रमाणपत्रों (Registration Certificates) की वैधता छह महीने के लिए बढ़ा दी है। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इसको लेकर एक नोटिस जारी किया था।
गृह मंत्रालय ने अपने नोटिस में कहा है कि वे लाइसेंस जिन्हें पिछले आदेश के तहत 30 सितंबर 2022 तक बढ़ाया गया था और वैधता समाप्त होने से पहले नवीनीकरण के लिए गृह मंत्रालय में लंबित हैं, ऐसे सभी गैर सरकारी संगठनों का FCRA पंजीकरण अब 31 मार्च 2023 तक या उनके आवेदन के निपटारे तक, इसमें जो भी पहले हो, वैध रहेगा।
दरअसल, एनजीओ (NGO) को विदेशी रकम हासिल करने के लिए एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
सरकार ने उन गैर सरकारी संगठनों के लाइसेंस (Licence) की वैधता भी बढ़ा दी है, जिनकी पांच साल की वैधता अवधि 1-10-2022 से 31-03-2023 के बीच समाप्त हो रही है और जिनके आवेदन 5 साल की वैधता खत्म होने से पहले नवीनीकरण के लिए लंबित हैं, उन्हें भी 31 मार्च 2023 तक या उनके आवेदन के निपटारे तक, इसमें जो भी पहले हो, बढ़ाया गया है। ये इसलिए किया गया है, ताकि सख्त एफसीआरए व्यवस्था को आसान किया जा सके।
20,684 गैर सरकारी संगठनों का FCRA पंजीकरण रद्द कर दिया गया
गृह मंत्रालय का नोटिस FCRA पंजीकरण प्रमाणपत्रों की वैधता बढ़ाने के लिए एक आधार के रूप में जनहित का हवाला देता है।
हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया है कि एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस जिनकी नवीनीकरण याचिका पहले ही ठुकरा दी गई है, उन्हें उसी दिन से समाप्त माना जाएगा। यही नहीं, वह संस्था किसी भी विदेशी योगदान को प्राप्त करने या उपयोग करने के लिए अयोग्य हो जाएगी।
गृह मंत्रालय की FCRA वेबसाइट के अनुसार, 23 सितंबर 2022 तक 16,641 एनजीओ और एसोसिएशन सक्रिय हैं, जबकि 12,801 संस्थाओं का FCRA लाइसेंस समाप्त हुआ है।
वहीं विदेशी धन प्राप्त करने के लिए अन्य 20,684 गैर सरकारी संगठनों का FCRA पंजीकरण रद्द कर दिया गया है।