नई दिल्ली : किसी भी दोपहिया चालक (Two Wheeler) के लिए सबसे बड़ा चैलेंज होता है संतुलन (Balance) बनाए रखना। दोपहियों पर दौड़ती एक मशीन को केवल उसके रफ्तार का ही सहारा होता है, लेकिन जैसे ही स्पीड कम (Speed Low) होने लगती है चालक के लिए उसे संभाले रखना मुश्किल हो जाता है।
ऐसे में कई बार दुर्घटना भी हो जाती है। कई बार चालक ठीक ढ़ंग से ड्राइव (Drive) कर रहा होता है और अलग-बगल या पीछे से किसी दूसरे वाहन से धक्का लगने पर भी बैलेंस बिगड़ जाता है और नतीजा एक्सीडेंट (Accident) के रूप में देखने को मिलता है।
लेकिन बहुत जल्द ही ऐसी बाइक्स बाजार में आने वाली हैं जो इस समस्या से छुटकारा दे देंगी। इन्हें ‘सेल्फ-बैलेंसिंग’ (Self-Balancing) बाइक्स का जा रहा है और इस टेक्नोलॉजी (Technology) पर होंडा और यामहा जैसी दिग्गज कंपनियां काम कर रही हैं।
Honda की ‘सेल्फ-बैलेंसिंग’ तकनीक
जापानी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी होंडा ने अपनी बाइक्स के लिए Self-Balancing तकनीक का पेटेंट कराया है, और कंपनी ने हाल ही में इस तकनीक को दिखाने के लिए अपनी हैवी बाइक गोल्ड विंग को चुना था।
बता दें कि, ये कोई नई तकनीक नहीं है, इससे पहले भी सेल्फ-बैलेंसिंग (Self-Balancing) व्हीकल्स (Vehicles) के कॉन्सेप्ट मॉडलों (Concept Models) को पेश किया जाता रहा है।
लेकिन अब होंडा इस तकनीक का इस्तेमाल अपनी हैवी बाइक्स में करने की योजना पर काम कर रहा है। बाइक जैसे ही आगे-पीछे मूव करती है या सड़क की तरफ झुकती है तो इसमें लगा हुआ सेंसर इस बात का पता लगा लेता है कि बाइक गलत दिशा में जा रही है।
क्या है Yamaha का प्लान
कुछ दिनों पहले यामहा ने भी Self-Balancing तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अपनी एक बाइक का प्रोटोटाइप शेयर (Prototype Share) किया था।
जापानी ऑटो दिग्गज ने हाल ही में एडवांस्ड मोटरसाइकिल स्टेबिलिटी असिस्ट सिस्टम (AMSAS) नामक अपनी सेल्फ-बैलेंसिंग तकनीक का प्रदर्शन करते हुए एक Video जारी किया, जिसे एक इलेक्ट्रिक Yamaha R3 में फिट किया गया था।
कंपनी का कहना है कि ये तकनीक 5 किमी प्रति घंटे या उससे कम की स्पीड पर वाहन को स्थिर करने में सहायता करती है। यामाहा का कहना है कि सिस्टम अभी भी रिचर्स एंड डेवलपमेंट (R&D) स्टेज पर है और भविष्य में इसे और भी बेहतर बनाया जाएगा।
Yamaha का दावा
Yamaha का ये सिस्टम ड्राइव और स्टीयरिंग एक्ट्यूएटर्स (Steering Actuators) के साथ 6-एक्सिस (6-Axis) से लैस है, जो कम गति पर बाइक को स्थिर रखने में मदद करता है।
Yamaha का दावा है कि, ये सिस्टम इतना बेहतर है कि इस Application को किसी मौजूदा मॉडल में इस्तेमाल किया जा सकता है, और दिलचस्प बात ये है कि इसके लिए किसी बड़े बदलाव की आवश्यकता नहीं होगी।
Yamaha ने इस तकनीक को प्रदर्शित करने के लिए बाकायदा एक Video जारी किया था, जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह से बाइक चल रही है और इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) अपना काम कर रहे हैं।
Auto Expo में भी पेश हो चुकी है सेल्फ-बैलेंसिंग स्कूटर
बता दें कि, इंडिया तकनीक के मामले में पीछे नहीं है। दरअसल, बीते ऑटो एक्सपो में मुंबई बेस्ड स्टार्टअप Liger Mobility ने दुनिया की पहली ऑटो-बैलेंसिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर (Auto-Balancing Electric Scooter) को पेश किया था।
पूरी तरह से मेड-इन-इंडिया, इस इलेक्ट्रिक स्कूटर (Electric Scooter) को बहुत जल्द ही बिक्री के लिए भी लॉन्च किया जाएगा। कंपनी इस इस तकनीक पर पिछले 6 सालों से काम कर रही है।
कैसे काम करती है ये तकनीक
लाइगर मोबिलिटी के को-फाउंडर विकास पोद्दार (Co-Founder Vikas Poddar) का कहना है कि, इस स्कूटर में Auto Balancing तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो कि बेसिकली ऑर्टिफिशियल इंटीलिजेंस (AI) बेस्ड तकनीक है।
इस तकनीक के पीछे मूल रूप से जायरोस्कोपिक प्रिंसिपल ऑफ फिजिक्स (Gyroscopic Theory) का सिद्धांत काम करता है, जिससे ये स्कूटर स्थिर रहते हुए भी इस इस्तेमाल किए गए कई सेंसर्स की मदद से अपनी जगह पर खड़ा रहता है। इसमें दिए गए सेंसर स्कूटर के आसपास का पूरा डाटा कलेक्ट करते हैं और (AI) इसे प्रोसेस करता है।