खूंटी : भगवान जगन्नाथ महाप्रभु, माता सुभद्रा और भ्राता बलभद्र की रथयात्रा (Rath Yatra) को लेकर इस बार लोगों में विशेष उत्साह है।
गौरतलब है कि कोरोना (corona) संकट के कारण दो वर्षों तक सार्वजनिक रूप से रथयात्रा नहीं निकाली जा सकी थी और सिर्फ परंपरा का निर्वाह किया गया था।
इस बार एक जुलाई को होने वाली रथयात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर है।
भगवान जगन्नाथ, (Lord Jagannath) बलभद्र और बहन सुभद्रा इन दिनों अज्ञात वास में हैं। आषाढ़ शुक्ल द्वितीय को ही तीनों विग्रहों के दर्शन होंगे।
रथयात्रा को लेकर रथों को सजाया संवारा जा रहा है। खूंटी (Khunti) जिले की सबसे पुरानी रथयात्रा जरियागढ़ राजपरिवार द्वारा निकाली जाने वाली रथयात्रा है।
रथयात्रा में कभी कोई रुकावट नहीं आयी
वहां भी ग्रामीण और परिवार के सदस्य तैयारी में जुटे हैं। जरियागढ़ में भगवान जगन्नाथ की दो यात्रा निकाली जाती है एक शाहदेव राजपरिवार की ओर से और दूसरा कसेरा समाज द्वारा यात्रा निकाली जाती हैं।
राजपरिवार ने दो सौ साल पहले की थी रथयात्रा की शुरुआत राजपरिवार के सदस्य लाल विजय नाथ शाहदेव (Lal Vijay Nath Shahdev) बताते हैं कि जरियागढ़ के तत्कालीन राजा ठाकुर देवेंद नाथ शाहदेव ने लगभग दो सौ साल पहले रथयात्रा की शुरुआत की थी।
इन दो सौ वर्षों के इतिहास में सिर्फ दो साल कोरोना महामारी (corona pandemic) के कारण जरियागढ़ में महाप्रभु की रथयात्रा सामूहिक रूप से नहीं निकाली जा सकी। अन्यथा रथयात्रा में कभी कोई रुकावट नहीं आयी।