नई दिल्ली: बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की कैद में पहुंचकर चर्चित हुए विंग कमांडर अभिनन्दन वर्थमान को वायुसेना ने ग्रुप कैप्टन रैंक पर पदोन्नत किया है।
अभिनंदन फरवरी, 2019 में पाकिस्तानी लड़ाकू विमान के साथ हुई हवाई लड़ाई में शामिल थे। इस दौरान पाकिस्तान का लड़ाकू विमान एफ-16 मार गिराने के लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
वह जल्द ही अपनी नई रैंक पर होंगे। वायुसेना में ग्रुप कैप्टन का पद भारतीय सेना में कर्नल के बराबर होता है। अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप और भारत के व्यापक दबाव में पाकिस्तान को उन्हें रिहा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवानों के शहीद होने के ठीक 12 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। भारत ने पाकिस्तान की सीमा में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करके पुलवामा का बदला ले लिया था।
इस दौरान 27 फरवरी को तड़के भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को भारत के मिग-21 और मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने खदेड़ दिया था। श्रीनगर स्थित 51 स्क्वाड्रन का हिस्सा रहे अभिनंदन वर्थमान भी इस पाकिस्तानी लड़ाकू विमान के साथ हुई हवाई लड़ाई में शामिल थे।
विंग कमांडर अभिनन्दन पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमान का पीछा करते हुए एलओसी पार कर गए और पाकिस्तानी फाइटर प्लेन को मार गिराया था। इसी दौरान अभिनंदन का मिग-21 विमान क्रैश हो गया।
पैराशूट से नीचे उतरने पर वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पहुंच गए और पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में ले लिया था। इसके बावजूद उन्होंने भारत का मजबूत सैनिक होने का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना की प्रताड़ना के बाद भी भारतीय सेना से सम्बंधित कोई भी राज नहीं दिया।
बाद में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप और भारत के व्यापक दबाव में पाकिस्तान को उन्हें रिहा करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। भारत लौटने के बाद उनके दोबारा विमान उड़ाने पर सस्पेंस बन गया था।
अभिनंदन को अगस्त, 2019 में आईएएफ बेंगलुरु के इंस्टिट्यूट ऑफ ऐरोस्पेस मेडिसिन ने दोबारा उड़ान भरने की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद अभिनंदन वर्थमान ने पहली बार 02 सितम्बर, 2019 को मिग- 21 विमान उड़ाकर आसमान में पहुंचे।
वीर चक्र से सम्मानित अभिनंदन के साथ वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ भी विमान में थे। वायुसेना प्रमुख भी मिग- 21 के पायलट हैं। उन्होंने कारगिल युद्ध के समय 17 स्क्वाड्रन की कमान संभालते हुए पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाए थे।