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अनुकंपा पर नौकरी चाहिए तो पास करना होगा परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, कहा- नहीं है कोई ऐसा…

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नई दिल्ली: अनुकंपा (Compassion) पर नौकरी (Job) की चाहत रखने वाले लोगों नौकरी तभी मिलेगी जब वे एक परीक्षा पास करेंगे।

यानी अब बिना परीक्षा पास किए हुए अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलने वाली है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिया है।

अनुकंपा पर नौकरी के लिए शैक्षणिक और पेशेवर योग्यता जरूरी

अदालत ने एक फैसले में सुनाया है कि अनुकंपा के आधार पर मिली नौकरी में शैक्षणिक और पेशेवर योग्यताओं (Academic & Professional Qualifications) को पूरा करना जरूरी है।

ऐसा नहीं कि योग्यताएं पूरी करने में विफल रहने पर उसे निचले ग्रेड में रख दी जाए। कोर्ट ने आदेश में कहा कि अनुकंपा के आधार पर मिली नौकरी अधिकार नहीं है।

इसके लिए योग्यताओं (Qualifications) को पूरा करना आवश्यक है।अनुकंपा पर नौकरी चाहिए तो पास करना होगा परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, कहा- नहीं है कोई ऐसा... If you want a compassionate job, you will have to pass the exam, the Supreme Court ordered, said- there is no such...

इस मामले पर CJI ने सुनाया फैसला

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए अनुंकपा के आधार पर मिली नौकरी गंवाने वाले को राहत देने से इनकार कर दी।

रेहन को सांख्यिकी विभाग में चालक पिता की मृत्यु के बाद कनिष्ठ सहायक की नौकरी मिली थी।

उसे कहा गया था कि वह बेसिक कंप्यूटर एवं टाइपिंग की विभागीय परीक्षा दे एवं न्यूतनम अंक अर्जित करे।

पर वह कंप्यूटर और टाइपिंग परीक्षा (Computer & Typing Test) में वह फेल हो गया।अनुकंपा पर नौकरी चाहिए तो पास करना होगा परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, कहा- नहीं है कोई ऐसा... If you want a compassionate job, you will have to pass the exam, the Supreme Court ordered, said- there is no such...

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को दी गई थी चुनौती

इसके बाद उसे एक और भी मौका दिया गया और इस मौके पर भी वह Typing Test में पास नहीं कर पाया।

इस पर सांख्यिकी अधिकारी ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया।

इस आदेश को उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में चुनौती दी एवं कहा कि यदि वह कनिष्ठ सहायक पद के योग्य नहीं है तो उसे चतुर्थ श्रेणी में ही नौकरी दी जाए।

जिस पर यूपी सरकार ने इसके खिलाफ खंडपीठ में अपील की पर वह खारिज हो गई।

इसके बाद राज्य सरकार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। एवं कहा कि हाईकोर्ट का आदेश उचित नहीं है।

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