इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने रविवार को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बोर्ड की बैठक से पहले उसके साथ हुए करार को नाकाम करने की चेष्टा का आरोप लगाया और कहा कि ‘आत्मकेंद्रित राजनीति’ से देश के साथ भारी नाइंसाफी होगी।
सोमवार को IMF के कार्यकारी बोर्ड की बैठक होगी, जिसमें पाकिस्तान को 1.18 अरब डॉलर ऋण (ऋण की किश्त) देने पर निर्णय लिया जाएगा।
पाकिस्तान उच्च मुद्रास्फीति एवं गिरते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच एक आर्थिक संकट में फंसने से बचने की जद्दोजेहद में लगा है।
सिंध प्रांत में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे शरीफ ने पीटीआई का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैंने ऐसी आत्मकेंद्रित राजनीति कभी नहीं देखी है, यह पाकिस्तान के साथ बड़ी नाइंसाफी एवं देश के विरुद्ध एक बड़ी साजिश होगी।’’
शुक्रवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के वित्त मंत्री तैमूर खान जागरा ने अपने संघीय समकक्ष मिफ्ताह इस्माइल को तीखे शब्दों वाला एक पत्र भेजा था और कहा था कि देश में भारी तबाही मचाने वाली अप्रत्याशित बाढ़ एवं अनसुलझे बजटीय मुद्दों के चलते प्रांतीय अधिशेष चलाना इस साल ‘करीब-करीब असंभव’ होगा ।
आईएमएफ करार को किसी भी हालत में लागू किया जाएगा
खैबर पख्तूनख्वा में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई का शासन है। इस साल प्रांतों के लिए अधिशेष सुनिश्चित करना आईएमएफ राहत पैकेज की अहम शर्त है।
जियो न्यूज की खबर है कि इस बीच पाकिस्तान सरकार ने IMF से संपर्क किया और जागरा द्वारा इस्माइल को भेजे गये पत्र पर उसे सफाई दी।
jio news के अनुसार मंत्रालय ने कहा कि IMF करार को किसी भी हालत में लागू किया जाएगा तथा IMF ने पाकिस्तान की सफाई पर सकारात्मक जवाब दिया है।
IMF ने 13 जुलाई को पाकिस्तान के साथ अधिकारी स्तर के करार की घोषणा की थी जिसके तहत सात अरब डॉलर के राहत पैकेज में एक अरब डॉलर की वृद्धि की गयी और उसमें 1.18 अरब डॉलर अग्रिम के तौर पर दिया जाएगा।
IMF के कार्यकारी बोर्ड द्वारा उसपर मंजूरी के लिए कई शर्तें लगायी गयी थी जिन्हें Pakistan ने पिछले दो हफ्ते में पूरी की हैं।