Malnutrition Crisis: दुनिया में कई देशों में कुपोषण का खतरा बढ़ गया है। जलवायु परिवर्तन की वजह से कुपोषित बच्चों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। दुनिया भर में फैले Global Food Crisis से लाखों बच्चों की मौत हो रही है।
आइए जानते हैं इस पर UNICEF की रिपोर्ट क्या कहती है?
UNICEF की रिपोर्ट
यूनाइटेड नेशन चिल्ड्रन फंड (UNICEF) के रिपोर्ट के अनुसार रूस-यूक्रेन जंग, कोरोना वायरस और जलवायु परिवर्तन की वजह से कुपोषित बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
Food Crisis का खतरा
UNICEF कुपोषित बच्चों को एक खास Food Packets देता है। जिसमें बच्चों के भरपूर पोषक तत्व जैसे मूंगफली, तेल और शुगर से बनी चीजें होती हैं। इस खास Food Packets के एक Box में 150 पैकेट होते हैं। ये गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए काफी सेहतमंद होते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पहले इस Food Packets की कीमत 3100 रुपये होती थी। लेकिन दुनिया भर में चल रहे Global Food Crisis के चलते इसकी कीमत में 16 फीसदी तक का उछाल आया है।
भारत में कुपोषित बच्चों की संख्या
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 6 से 23 महीनों की शुरुआती उम्र के करीब 89 प्रतिशत बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है। साल 2021 में एक RTI में पता चला कि भारत में 33 लाख से भी ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं। ऐसे में इन दिनों जारी Global Food Crisis से भारत के लाखों बच्चों की जान भी खतरे में पड़ सकती है।
कैसे बचाएं बच्चों की जान
UNICEF के अनुसार, इलाज में इस्तेमाल होने वाली लागत में 16 फीसदी का इजाफा कर कुपोषित बच्चों की जिंदगी बचाई जा सकती है। इतना ही नहीं Ready-To-Use Therapeutic Food (आरयूटीएफ) के लिए जरूरी कच्चे माल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते भी बच्चों की जान बचाने पर असर पड़ सकता है।
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