नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सभी तरह के आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसके खिलाफ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता
केनबरा में आयोजित एक बैठक के बाद दोनों देशों ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लगातार और व्यापक स्तर पर मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता है।
दोनों देशों ने किसी भी मदद के नाम पर सीमा पार से आतंकवादियों को मदद पहुंचाने की निंदा की।आतंकवाद के खिलाफ पर भारत-ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त कार्य समूह की 13वीं बैठक बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में आयोजित की गई थी।
भारत की ओर से विदेश मंत्रालय में आतंकवाद विरोधी अभियान के संयुक्त सचिव महावीर सिंघवी और आस्ट्रेलिया की ओर से विदेश मामलों और व्यापार विभाग में आतंकवाद विरोधी राजदूत रोजर नोबल ने अपने-अपने देशों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सभी देशों के लिए तत्काल, निरंतर, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनके नियंत्रण के किसी भी क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी हमलों के लिए न किया जाए और ऐसे हमलों के अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाई जाए।
ऑस्ट्रेलिया ने 26/11 को मुंबई, पठानकोट और पुलवामा सहित भारत में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में लोगों और भारत सरकार के लिए अपना समर्थन दोहराया।
दोनों देशों ने इन आतंकवाद की चुनौतियों का जवाब देने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और इस संबंध में बातचीत, सहयोग और सूचना साझा करने के लिए अपनी-अपनी समकक्ष एजेंसियों के बीच तालमेल को अधिक कारगर बनाने तरीकों पर चर्चा की।
दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र, जी20, जीसीटीएफ, एआरएफ, आईओआरए और एफएटीएफ जैसे बहुपक्षीय मंचों के साथ-साथ क्वाड भागीदारों के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग और इस सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की।