India Nuclear Test : देश के इतिहास में 11 मई का दिन एक खास वजह से हमेशा जाना जाएगा। साल 1998 में इसी दिन भारत सरकार (Indian Government) ने पोखरण में तीन सफल परमाणु परीक्षण (Nuclear Test) करने का ऐलान किया था।
भारत के इस ऐलान से पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई थी, क्योंकि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। भारत की इस सफलता पर America के CIA ने भी माना कि भारत उन्हें चकमा देने मे सफल रहा।
इस धमाके के बाद से 11 मई को राष्ट्रीय तकनीक दिवस (National Technology Day) के तौर पर मनाया जाने लगा। ये 1998 के परमाणु परीक्षण का ही परिणाम है कि आज भारत आईटीईआर (ITER) में भागीदार है, और न्यूक्लियर प्रौद्योगिकी के मामले में हम दुनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं।
क्यों खास है ये दिन?
साल 1995 में भारत की परमाणु बम के परीक्षण करने की कोशिश नाकाम हो चुकी थी। अमेरिकी सैटेलाइट और खुफिया एजेंसी (US Satellite and Intelligence Agency) ने भारत के किए धरे पर पूरी तरह से पानी फेर दिया था।
इसलिए 1998 के परीक्षण को इतने खुफिया तरीके से किया गया कि दुनिया की तमाम खुफिया एजेंसियों के पीछे लगने के बाद भी किसी को इस ऑपरेशन (Operation) की खबर नहीं हुई। और भारत तीन Nuclear Test के साथ ही पूरी दुनिया में परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया।
हुआ था बेहद गोपनीय ऑपरेशन
इस परीक्षण के लिए देश के वैज्ञानिकों ने भी फौज के कपड़े तक पहने ताकि उन्हें सेटेलाइट (Satellite) से भी पहचाना नहीं जा सके। सभी वैज्ञानिकों को Code Name दिया गया। अब्दुल कलाम को मेजर जनरल पृथ्वीराज का नाम दिया गया था।
भारत ने 11 मई को दोपहर बाद 3.45 मिनट पर तीन Test किये। इसके साथ भारत 24 साल पर एक बार फिर दुनिया को चमका देकर परमाणु विस्फोट (Nuclear Explosion) कर चुका था। बाद में 13 मई को 2 और परीक्षण किए।
ब्लास्ट के बाद जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) ने दुनिया को इसकी जानकारी दी, तो सभी स्तब्ध हो गये। इसके बाद भड़के अमेरिका ने भारत पर प्रतिबंध भी लगाये, लेकिन देश आगे बढ़ता रहा और आज दुनिया की बड़ी ताकतों में उसका शुमार किया जाता है।