वाशिंगटन: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता से दोनों देशों को उस अस्थिरता और अनिश्चितता को कम करने के लिए रणनीति बनाने में मदद मिली, जिसका दुनिया वर्तमान समय में सामना कर रही हैं।
जयशंकर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन तथा रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बयान दिया।
जो बाइडन के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद दोनों देशों के मंत्रियों ने सोमवार को पहली टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता की थी।
जयशंकर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ इस चर्चा से हमें अस्थिरता और अनिश्चितता को कम करने के लिए रणनीति बनाने में मदद मिली, जिसका दुनिया वर्तमान में सामना कर रही है। यह स्वाभाविक रूप से हमारी नीतियों में नजर आएगी।’’
चर्चा के दौरान दोनों देशों को विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दीर्घकालिक चुनौतियों पर एक साथ सोचने का मौका मिला। इससे दोनों देशों के बीच उभरते प्रमुख द्विपक्षीय संबंधों पर गौर करने का अवसर भी मिला।
दवाओं की एक खेप भेजी जा रही है या बहुत जल्द कीव भेजी जाएगी
भारत के, यूक्रेन पर आक्रमण रोकने के लिए दबाव बनाने के सवाल पर जयशंकर ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि हमारी चर्चा का एक लक्ष्य, नफरत को समाप्त करने के लिए दबाव बनाना भी है, मुझे लगता है कि इस बात से सब सहमत होंगे कि इससे ही मामले सुलझेंगे और दुनिया में अनिश्चितता कम होगी।’’
उन्होंने कहा कि भारत, वैश्विक अस्थिरता और अनिश्चितता को कम करने के लिए काम कर रहा है। ‘‘ जब हम मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं, ऐसे में हम यूक्रेन के लोगों के साथ संपर्क में हैं… खासकर दवाओं की आपूर्ति के लिए…हम पहले ही यूक्रेन और कुछ पड़ोसी देशों को मानवीय राहत प्रदान कर चुके हैं।
इस समय जब हम बात कर रहे हैं, तब भी दवाओं की एक खेप भेजी जा रही है या बहुत जल्द कीव भेजी जाएगी।’’