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भारत का गेहूं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण और विश्वनीय: पीयूष गोयल

रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच दुनिया में गेहूं संकट पैदा हुआ है

नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल (Minister Piyush Goyal) ने शुक्रवार को कहा कि भारत के गेहूं की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता और विश्वनीयता है। टर्की द्वारा दिये गए तर्क समझ से परे हैं।

रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच दुनिया में गेहूं संकट पैदा हुआ है। दूसरी ओर तुर्की ने भारत से आए गेहूं की 56,877 टन की खेप को लौटा दिया है।

इस घटना पर पीयूष गोयल ने कहा कि आईटीसी  (ITC) सदैव मानकों की कसौटी पर परख कर ही निर्यात करता है और यह गेहूं नीदरलैंड की फर्म को भी दिया गया था। पिछले दो सालों में भारत के गेहूं को दुनिया में खासी विश्वनीयता मिली है।

दो सालों में भारत के गेहूं को दुनिया में खासी विश्वनीयता मिली है

उल्लेखनीय है कि इस्तांबुल के एक कारोबारी ने भारत के गेहूं में रुबेला वायरस पाए जाने की बात कही गई थी। तुर्की के कृषि मंत्रालय ने इस खेप को वापस कांडला बंदरगाह भेज दिया।

भारत का करीब 17 लाख टन गेहूं विभिन्न बंदरगाहों पर अटक गया है। बारिश में इसके खराब होने की आशंका है। पिछले महीने निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद से भारत ने विदेश के लिए 4,69,202 टन गेहूं के शिपमेंट की मंजूरी दी थी।

यह शिपमेंट मुख्य रूप से बांग्लादेश, फिलीपीन्स, तंजानिया और मलेशिया की ओर बढ़ गए हैं।14 मई को चिलचिलाती गर्मी से उपजे हालातों और घरेलू कीमतों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाते देख गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

हालांकि उन शिपमेंट्स को अपवाद के तहत निर्यात की अनुमति दी गई थी जो पहले से जारी किए गए क्रेडिट लेटर्स  (credit letters) से भेजे जाने वाले थे। साथ ही उन देशों के लिए भी छूट दी गई थी जिन्होंने अपनी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत से मदद मांगी थी।

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