नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री Amit Shah (अमित शाह) ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे बड़ा अपराधी है।
उन्होंने इंटपोल (Interpol) के सदस्य देशों से सीमा पार आतंक के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है।
सीमा पार आतंकवाद से लड़ने के लिए सीमा पार सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए इंटरपोल (Interpol) सबसे अच्छा मंच है।”
केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज इंटरपोल की 90वीं महासभा के समापन सत्र को संबोधित किया।
भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर नई दिल्ली (New Delhi) के प्रगति मैदान में इंटरपोल महासभा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर दुनियाभर से आए कानून प्रवर्तन अधिकारियों से गृहमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम (Online Medium) से दूसरे देशों में कट्टरपंथ को बढ़ावा देने को केवल राजनीतिक समस्या नहीं माना जा सकता।
हमें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ एक प्रभावी लड़ाई दीर्घकालिक, व्यापक और टिकाऊ हो।
भारत की प्रतिबद्धता को आगे रखते हुए गृहमंत्री (Home Minister) ने कहा कि हम सभी प्रकार के आतंकवाद (Terrorism) से लड़ने और तकनीकी सहायता एवं मानव संसाधन उपलब्ध कराने को तैयार हैं।
शाह ने कहा…
भारत नार्को-आतंक, ऑनलाइन कट्टरता, संगठित सिंडिकेट और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) जैसे सभी प्रकार के आतंकवाद से लड़ने के लिए एक भागीदार के रूप में इंटरपोल के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस संबंध में, भारत एक समर्पित केंद्र या सम्मेलन स्थापित करने के लिए इंटरपोल का समर्थन करने और दुनिया के आतंकवाद और एंटी-नारकोटिक्स एजेंसियों (Anti Narcotics Agency) के लिए एक समर्पित संचार नेटवर्क शुरू करने को तैयार है।
आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सरकार के प्रयासों का जिक्र कर शाह ने कहा कि भारत सरकार ने आतंकवाद (Terrorism) , नशीले पदार्थों (Drugs) और आर्थिक अपराधों (Economic Offenses) पर एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का भी निर्णय लिया है।
भारत सरकार ने साइबर अपराध (Cyber Crime) से व्यापक तरीके से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र, I4 C की स्थापना की है।
सभी देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के ‘ड्रग्स मुक्त’ भारत के आह्वान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों में वैश्विक व्यापार के उभरते रुझानों और नार्को आतंक जैसी चुनौतियों को देखते हुए सभी देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता है।
इसके लिए सूचना एवं खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान के लिए मंच, खुफिया आधारित संयुक्त अभियान, क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा सहयोग, आपसी कानूनी सहायता और मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ने के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित करना होगा।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि आपराधिक मानसिकता नहीं बदली है, लेकिन अपराध के साधन बदल रहे हैं। इस संबंध में उनका सुझाव है कि पिछले 100 वर्षों में अपने अनुभव और उपलब्धियों के आधार पर इंटरपोल (Interpol) अगले 50 वर्षों के लिए भविष्य की योजना तैयार करे।