न्यूज़ अरोमा रांचीः होश में हो ना। पारा टीचर को 50 हजार मिलेगा। एमबीबीएस डॉक्टर को 30 हजार मिलता है और पारा टीचर को 50 हजार। आपको भाजपा मार रही थी।
गोली मार रही थी तब हमने कहा था। दर्द बांटने के लिए कहा था। इसका मतलब मिल जाएगा क्या।
हम मुख्यमंत्री हैं कि वादा किये। रघुवर दास जब मार रहा था। गोली चला रहा था तब कहे थे। ऐसे करोगे तो कैसे होगा। हम मदद नहीं कर पाएंगे।
यह कहना है राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह जामतारा विधायक डॉ इरफान अंसारी का।
पलामू के एक पारा टीचर ने जब उनसे फोन कर अपने वादे के अनुसार पारा टीचर्स को वेतमान दिलाने का आग्रह किया तो नेताजी का रिएक्शन कुछ इसी अंदाज में रहा। इससे राज्य भर के पारा टीचर्स में आक्रोश है।
पारा टीचर व विधायक की बातचीत का ऑडियो वायरल हो रहा है। ऐसे में राज्य सरकार की परेशानी बढ़ती दिख रही है।
इधर, इरफान अंसारी के बयान से नाराज पारा शिक्षक अब उग्र आंदोलन कर सरकार से आर-पार करने को तैयार हैं।
इसको लेकर राजधानी रांची में 27 दिसंबर को रांची में पारा शिक्षक संघ की राज्य कमेटी के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
इसकी जानकारी एकीकृत पारा शिक्षक संघ की ओर से की दी गई है।
रघुवर सरकार के कार्यकाल में किया था जोरदार आंदोलन
रघुवर सरकार के कार्यकाल में भी पारा शिक्षकों ने जोरदार आंदोलन किया था।
उस दौरान पारा शिक्षकों ने रघुवर सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर पारा शिक्षकों को स्थायी नहीं किया गया तो पार्टी को सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा।
पारा शिक्षकों ने एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मतदान किया और काफी उम्मीद के साथ सत्ता पर यूपीए गठबंधन की सरकार को चुनी गई।
हेमंत सरकार के पूरे होने वाले हैं एक साल, वादा रह गया अधूरा
हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार का एक वर्ष 29 दिसंबर को पूरा होने जा रहा हैं, लेकिन पारा शिक्षकों की जो मांग थी वह मांग अब भी अधर में लटकी हुई है।
इसे देखते हुए पारा शिक्षकों ने एक बार फिर स्थायीकरण और वेतनमान को लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से 27 दिसंबर को प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की है।
यह बैठक एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की ओर से बुलाई गई है।
कई संगठनों ने आंदोलन का बनाया मूड
बैठक में झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ, सामुदायिक पारा शिक्षक संघ, टेट सफल पारा शिक्षक संघ और झारखंड राज्य सहयोगी शिक्षा मित्र संघ के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
बैठक के दौरान अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान, स्थायीकरण की मांग को लेकर विशेष रूप से विचार विमर्श किया जाएगा।
नए साल में पारा शिक्षक नए तरीके से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की शुरुआत करेंगे।