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इस्लामाबाद हाईकोर्ट का आदेश : इमरान को दिए गए उपहारों का ब्योरा सार्वजनिक करें

एक याचिका में एक नागरिक द्वारा पीआईसी के आदेश को लागू करने की मांग की गई है और दूसरी में उस आदेश को कैबिनेट डिवीजन द्वारा चुनौती दी गई है।

इस्लामाबाद : इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को डिप्टी एटॉर्नी जनरल अरशद कयानी को पाकिस्तान सूचना आयोग (पीआईसी) के उस आदेश पर अमल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया,

जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अगस्त, 2018 में पदभार ग्रहण करने के बाद से कई देशों के प्रमुखों द्वारा दिए गए उपहारों का विवरण सार्वजनिक करने को कहा गया है। यह जानकारी मीडिया की खबरों में दी गई।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति मियां गुल हसन औरंगजेब ने इस मामले पर दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किया।

एक याचिका में एक नागरिक द्वारा पीआईसी के आदेश को लागू करने की मांग की गई है और दूसरी में उस आदेश को कैबिनेट डिवीजन द्वारा चुनौती दी गई है।

प्रधानमंत्री द्वारा रखे गए उपहारों के बारे में विवरण दें।

पीआईसी ने पिछले साल इस मामले पर एक आवेदन स्वीकार कर लिया था और कैबिनेट डिवीजन को निर्देश दिया था कि प्रधानमंत्री इमरान खान को विदेशी राष्ट्राध्यक्षों, सरकारों के प्रमुखों और अन्य विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों और प्रधानमंत्री द्वारा रखे गए उपहारों के बारे में विवरण दें।

साथ ही उन नियमों की जानकारी दें, जिसके तहत इस तरह के उपहार उनके पास रखे जाते हैं।

कैबिनेट डिवीजन को 10 कार्य दिवसों के भीतर आवश्यक जानकारी साझा करने और आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड करने के लिए कहा गया था।

इसके बाद कैबिनेट डिवीजन ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पीआईसी के आदेश को चुनौती देते हुए दावा किया कि यह अवैध था। तत्कालीन सरकार ने यह रुख अपनाया कि तोशखाना से संबंधित किसी भी जानकारी का खुलासा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को खतरे में डालता है।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति औरंगजेब ने पाया कि उपहार प्रधानमंत्री के कार्यालय के थे और उन्हें घर ले जाने के लिए नहीं दिया गया था।

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