जमशेदपुर: गालूडीह थाना क्षेत्र निवासी दसवीं की नाबालिग छात्रा (14) के आत्महत्या के मामले में एडीजे पांच की अदालत ने प्रेमी कुलदीप कुमार महतो को दोषी करार दिया है। सजा पर सात मई को अदालत अपना फैसला सुनाएगी।
7 दिसम्बर 2018 को गालूडीह में एक नाबालिग ने प्यार में धोखा मिलने पर अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
मृतका के प्रेमी ने उसे ऐसे दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया था कि उसे जिंदगी बोझ लगने लगी और उसने आत्महत्या का फैसला कर लिया।
उसने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें अपनी मौत का जिम्मेदार अपने प्रेमी को बताया था।
छात्रा अपने पिता की इकलौती पुत्री थी। घर में गमछा के सहारे लटकते हुए शव को पुलिस ने बरामद किया।
शव के पास सुसाइड नोट भी मिला था। छात्रा स्थानीय विद्यालय में दसवीं की छात्रा थी। हर दिन की तरह वह सुबह स्कूल जाने के लिए यूनिफॉर्म पहनकर तैयार हुई थी।
इस दौरान सुबह 7 बजे प्रेमी का फोन आया। फोन से बात करने के बाद वह फोन रखकर कमरे में चली गई और घर का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।
परिजनों को जब इसकी जानकारी हुई तो सूचना ग्रामीणों को दी। ग्रामीणों ने घर का टीना शेड खोलकर अंदर प्रवेश किया तो देखा कि शव गमछा के सहारे लटक रहा है।
छात्रा को ट्यूशन पढ़ाता था आरोपी
उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि मेरी मौत का कारण घरवाले नहीं है। कुलदीप मुझसे नहीं, मेरे जिस्म के साथ प्यार करता था।
मेरे साथ उसने जो चाहा किया, यह कैसा प्यार है? मैं उस लड़के को जान से ज्यादा प्यार करती थी। वह मुझे इसके बदले क्या दिया, धोखा-धोखा-धोखा।
मेरे जाने के बाद मम्मी-पापा मेरे छोटे भाई को अच्छा से रखेंगे। पापा इस जगह को छोड़कर कहीं और चले जाना।
भाई का अच्छे डॉक्टर से इलाज कराइएगा। मैं चलती हूं। मेरी याद आएगी तो हंसिएगा, समझना कि हंसी के अंदर हम हैं। गुड बाय, आप की प्यारी पुत्री।
छात्रा पूर्व में कुलदीप महतो से ट्यूशन पढ़ती थी। 2014 में कुलदीप महतो घुटिया के एक कॉलेज में पढ़ता था।
इस दौरान घुटिया में एक घर में किराया में रहता था। घटना के वक्त वह रांची में नौकरी करता था।
उसे पुलिस ने नौ दिसम्बर 2018 को रांची में छापेमारी कर गिरफ्तार किया था।