रांची: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE-10th) और इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (ISC-12th) 2023 का परिणाम (Result) रविवार को घोषित कर दिया गया।
इस साल 10वीं में 98.94 प्रतिशत विद्यार्थी सफल (Student Success) हुए जिसमें 99.21 प्रतिशत लड़कियां और 98.71 प्रतिशत लड़के शामिल हैं। वहीं, 12वीं में 96.93 प्रतिशत विद्यार्थियों ने सफलता का परचम लहराया।
इनमें 98.01 लड़कियां और 95.96 प्रतिशत लड़के शामिल हैं। CISCE -2023 की 10वीं-12वीं की परीक्षा में करीब 2.5 लाख विद्यार्थी शामिल हुए थे। 12वीं में पांच विद्यार्थियों को पहली रैंक मिली है, इनमें तीन लड़कियां हैं। वहीं, 10वीं में नौ विद्यार्थियों ने फर्स्ट रैंक हासिल की है।
देश भर में जिन 9 बच्चों ने टॉप किया है, सभी को 500 में 499 यानी 99.8 फीसदी अंक हासिल हुए हैं। टॉप करने वाले 9 विद्यार्थियों में पांच लड़के और चार लड़कियां हैं। सभी सामान्य श्रेणी के विद्यार्थी हैं।
उन्हें भरोसा था कि वह TOP करेंगे
जमशेदपुर स्थित हिलटॉप स्कूल से रुशील कुमार (Rushil Kumar from Hilltop School) ने ICSE 10वीं बोर्ड की परीक्षा (ICSE 10th Board Exam) में पूरे देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। देश भर में 9 विद्यार्थियों को उनके बराबर 99.8 फीसदी अंक मिले हैं, लेकिन रैंक में रुशील कुमार सबसे ऊपर हैं।
परीक्षा की तैयारियों के बारे में रुशील कुमार ने बताया कि उन्होंने परीक्षा से पहले जमकर तैयारी की थी। उन्हें यकीन था कि वह टॉप करेंगे। इसकी वजह भी रुशील ने बतायी। रुशील ने कहा कि उनका Exams बहुत अच्छा गया था।
इसलिए उन्हें भरोसा था कि वह TOP करेंगे। रुशील ने बताया कि भविष्य में वह किसी बेहतर IIT से पढ़ाई करना चाहते हैं। उसके बाद वह सिविल सर्विस (Civil Service) की तैयारी करेंगे।
सभी चैप्टर को किया करते थे रिवाइज
रुशील कुमार (Rushil Kumar) ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई के लिए घंटे या वक्त कभी तय नहीं किया। हां, उन्होंने परीक्षा की तैयारी पूरी रणनीति के साथ की। उन्होंने पढ़ाई के घंटे तय करने की बजाय अपना Target तय कर लिया था कि एक दिन में इतने चैप्टर कम्प्लीट करना है। रिवीजन भी लगातार करते रहते थे। अपने इसी रूटीन को वह फॉलो करते थे।
रुशील ने बताया कि परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिए स्पेसिमेन पेपर भी सॉल्व (Specimen Paper Solved) करते थे। लगातार जो कुछ भी पढ़ाई करते थे, उसको Revise लगातार करते रहते थे। परीक्षा से ठीक एक-दो दिन पहले भी सभी चैप्टर को रिवाइज किया था। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ-साथ शिक्षकों को भी दिया।
साइंस में केमिस्ट्री था पसंदीदा विषय
रुशील कुमार ने कहा कि उनकी सफलता में सभी लोगों की अपनी भूमिका रही। माता-पिता ने उन्हें सहयोग किया, तो शिक्षकों ने उनके डाउट्स क्लियर (Douts Clear) किये। जब भी वह अपने शिक्षक से बात करते, वो उनका मार्गदर्शन करते थे।
साइंस में केमिस्ट्री (Chemistry in Science) उनका पसंदीदा विषय था। इस विषय में उन्होंने 100 में 100 अंक हासिल किये। रुशील ने बताया कि परीक्षा के प्रेशर (Exam Pressure) को कम करने के लिए कहानी की किताबें पढ़ते थे।