बिहार

अब यह पॉलिटिक्स समझिए, हरिवंश के लिए भी JDU ने जारी कर दिया व्हिप, तब तो…

Janta Dal United : राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश (Harivansh) को जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सभी सदस्यों ने व्हिप (Whip) जारी किया है।

दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर छिड़ा ‘पावर वॉर’ (Power war’) अब संसद की दहलीज पर है।

दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी विपक्षी दलों के सहारे इस विधेयक को राज्यसभा में गिराने की उम्मीद पर है तो वहीं सरकार भी इसे पारित कराने की पूरी तैयारी में है।

अब यह पॉलिटिक्स समझिए, हरिवंश के लिए भी JDU ने जारी कर दिया व्हिप, तब तो…-Now understand this politics, JDU has issued whip for Harivansh too, then…

BJP ने भी किया था व्हिप जारी

सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (Ruling National Democratic Alliance) का नेतृत्व कर रही BJP ने व्हिप जारी कर अपने सभी लोकसभा सदस्यों से 13 फरवरी तक सदन में मौजूद रहने को कहा है।

दूसरी तरफ, विपक्षी I.N.D.I.A. के अहम घटक जनता दल यूनाइटेड ने भी अपने सभी राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है।

उपसभापति हरिवंश के लिए व्हिप जारी

JDU  ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश समेत उच्च सदन के अपने सभी सदस्यों से दिल्ली अध्यादेश (Delhi ordinance) पर वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद रहने और पार्टी के स्टैंड का पालन करने के लिए कहा है।

JDU की ओर से व्हिप जारी किए जाने और हरिवंश को भी इसकी जद में लिए जाने को लेकर नई बहस शुरू हो गई है कि क्या सभापति और उपसभापति भी व्हिप के दायरे में आते हैं?

कौन-कौन आता है इसके दायरे में

संसदीय मामलों (Parliamentary affairs) के जानकार वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि व्हिप के दायरे से केवल सभापति बाहर रहता है।

आसन पर कोई भी व्हिप (Whip) लागू नहीं होता क्योंकि जब कोई सांसद आसन पर होता है, तब वो किसी भी दल का नहीं होता।

संसद की कार्यवाही से जुड़े नियम उपसभापति (Deputy Chairman) को व्हिप के दायरे से बाहर नहीं करते। हरिवंश अगर वोटिंग के दौरान आसन पर नहीं होते हैं तो वे JDU के व्हिप को मानने के लिए नियमों के मुताबिक बाध्य होंगे।

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क्या व्हिप से बचा जा सकता है?

हरिवंश जनता दल यूनाइटेड से सांसद हैं। JDU की ओर से जारी व्हिप राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश पर भी लागू होगा।

अब सवाल है कि हरिवंश किस परिस्थिति में जेडीयू के व्हिप की जद में आने से बच सकते हैं? अरविंद कुमार सिंह (Arvind Kumar Singh) ने कहा कि एक ही स्थिति में हरिवंश JDU के व्हिप के दायरे से बाहर रह सकते हैं। वह है वोटिंग के समय उनका आसन पर होना जिसके आसार नहीं के बराबर हैं।

हरिवंश Voting के समय यदि आसन पर रहे तब भी वे व्हिप का पालन कर रहे होंगे। व्हिप ये सुनिश्चित करने के लिए होता है कि पार्टी के सभी सदस्य निर्धारित तिथि, समय पर सदन में मौजूद रहें। हरिवंश आसन पर हुए तब भी सदन में मौजूद होंगे और इस तरह से व्हिप का पालन भी हो रहा होगा।

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क्यों जारी हुआ हरिवंश के लिए व्हिप?

JDU  ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को भी व्हिप क्यों जारी कर दिया, इसे लेकर भी बहस छिड़ी हुई है। कोई इसे नीतीश कुमार और हरिवंश के रिश्तों में आए अविश्वास को वजह बता रहा है तो कोई कुछ और। दरअसल, नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से JDU  ने दूरी बना ली थी।

JDU  की ओर से कार्यक्रम के बहिष्कार का ऐलान किए जाने के बावजूद हरिवंश (Harivansh) समारोह में शामिल हुए थे।

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में हरिवंश के शामिल होने के बाद नीतीश कुमार और JDU  की किरकिरी हुई थी। हरिवंश और नीतीश के रिश्तों में दूरी आने, BJP के साथ बढ़ती करीबी की बातें भी होने लगी थीं। पिछले दिनों हरिवंश बिहार की राजधानी पटना पहुंचे थे। हरिवंश ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी।

हरिवंश और नीतीश (Harivansh and Nitish) की मुलाकात लंबे समय बाद हुई थी। इसे दोनों नेताओं के बीच आई खटास कम करने की दिशा में प्रयास की तरह भी देखा गया।

ऐसे में, जब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने ही 2024 के चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता की कवायद शुरू की थी। JDU नहीं चाहती कि कहीं से भी एक भी सांसद पार्टी लाइन से अलग खड़ा नजर आए और गठबंधन की शुरुआत में ही कोई गलत संदेश जाए।

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क्या होता है व्हिप?

व्हिप (Whip) शब्द ब्रिटिश प्रथा व्हिपिंग से आया जिसका मतलब सचेतक होता है। हर पार्टी संसद और विधानसभा में एक वरिष्ठ सदस्य को चीफ व्हिप या मुख्य सचेतक बनाती हैं जिसे महत्वपूर्ण मौकों पर व्हिप जारी करने का अधिकार होता है।

किसी पार्टी को जब लगता है कि उसके सदस्यों का सदन में रहना जरूरी है तब वह पार्टी व्हिप (Whip) जारी करती है। व्हिप जारी करने के पीछे एक वजह ये सुनिश्चित करना भी होता है कि किसी खास विषय पर सभी सदस्य एकजुट होकर पार्टी लाइन पर चलते हुए वोट करें।

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