दुमका: राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य चरित्र निर्माण है। शिक्षा का कार्य खाली दिमाग को खुले दिमाग में बदलना है।
इसके लिए जरूरी है कि शिक्षक अपने हृदय में सहानुभूति और समर्पण को जगह दें। इससे विद्यार्थियों को समझ सके, उनकी समस्याओं को जान सके, पहचान सके और उसके निदान का मार्ग प्रशस्त कर सके।
राज्यपाल बुधवार को सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए यह दीक्षांत समारोह एक अहम अवसर है, जिसमें उनके वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम दिखाई देता है।
हमारे विद्यार्थियों में निहित प्रेरणादायक विचार उनके जीवन को प्रगति के मार्ग पर ले जाने की ताकत रखता है, उनमें देश और समाज को विकास के नये मुकाम पर ले जाने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि यह क्षण विद्यार्थियों के लिए अपनी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करने के साथ-साथ आगामी जीवन सफर तय करने की दिशा में एक नया कदम रखने की खुशी एक नये दायित्वों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है। उच्च शिक्षा की डिग्री हासिल करना निश्चित रूप से सौभाग्य और उपलब्धि की बात है।
गर्व और उपलब्धि के इस उचित भाव के साथ ही भविष्य के बारे में आशा और उम्मीद भी है। शिक्षा का कार्य खाली दिमाग को खुले दिमाग में बदलना है।
इसके लिए जरूरी है कि शिक्षक अपने हृदय में सहानुभूति और समर्पण को जगह दे ताकि विद्यार्थियों को समझ सके, उनकी समस्याओं को जान सके, पहचान सके और उसके निदान का मार्ग प्रशस्त कर सके।
उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। हम अपनी इस युवा शक्ति का तभी लाभ उठा सकते हैं, जब हमारी युवा पीढ़ी ज्ञान और कौशल से युक्त हो।
280 छात्रों को सम्मानित किया गया
इसके लिए हमारे शिक्षण संस्थानों को, खासकर विश्वविद्यालयों को इस संदर्भ में बड़ी भूमिका निभानी है।
उन्हें विद्यार्थियों को शिक्षित एवं निपुण नागरिक बनाने में सक्रिय भूमिका का निर्वहन करना होगा ताकि राष्ट्र निर्माण के कार्य में वे अहम भूमिका सुनिश्चित कर सके।
विद्यार्थियों में अपने विश्वविद्यालय का नाम देश के उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों में स्थापित करने की ललक होनी चाहिये।
आपको इस दिशा में सोचना होगा और उसके लिए परिश्रम भी करना होगा। मौके पर वर्ष 2017 से 2021 के छात्र छात्राओं को डिग्री तथा टॉपर छात्र छात्राओं को मेडल प्रदान किया गया। वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम के दौरान मेडल देने में परेशानी हुई।
मंच पर अफरा तफरी का माहौल दिखा। राज्यपाल को मेडल देने के लिए इंतजार करना पड़ा। कुलसचिव ने इस अव्यवस्था के लिए राज्यपाल से माफी मांगी। मौके पर विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो आदि उपस्थित थे।
दीक्षांत समारोह में डीएस, पीएचडी, यूजी, पीजी के छात्र छात्राओं को मेडल एवं डिग्री दिया गया। दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों के 280 छात्रों को सम्मानित किया गया।